एलजी मनोज सिन्हा. (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर (Jammu and kashmir) में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की ओर से नॉमिनेट किए जाने वाले 5 विधायकों को लेकर सियासी बवाल शुरू हो गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है. नॉमिनेट होने वाले 5 लोगों में दो कश्मीर विस्थापित, एक महिला, एक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और एक अन्य होंगे.
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस का मानना है कि नॉमिनेशन का मतलब बैक डोर से जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इस बवाल के बीच में खबर आई कि 8 तारीख की शाम को उपराज्यपाल पांच लोगों को नॉमिनेट कर सकते हैं. वहीं कानून के जानकारों का कहना है कि जब नतीजे आएंगे, उसके बाद लेफ्टिनेंट गवर्नर को उस नोटिफिकेशन के जारी होने का इंतजार करना होगा जिसके जरिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) में नई विधानसभा का गठन किया जाएगा. इस नोटिफिकेशन में यह बताया जाएगा कि किस-किस विधानसभा से कौन उम्मीदवार जीतकर आया है.
5 नामों को किया गया फाइनल
सूत्रों के अनुसार, इन नामों को फाइनल कर लिया गया है. इसमें वह लोग होंगे जो हाशिए पर हैं और जिनके बारे में हमेशा से ये मुहिम चलाई जाती है कि इनकी आवाज विधानसभा में नहीं पहुंच पाती है. ये मार्जिनलाइज्ड कम्युनिटी है और इनकी बात सुनने की जरूरत है. इसमें एक महिला और एक पुरुष के अलावा एक रिप्रेजेंटेटिव डिस्प्लेस कश्मीरी कम्युनिटी से उम्मीदवार होगा, जबकि दो रिप्रेजेंटेटिव हिंदू डिस्प्लेस जम्मू और कश्मीर के रीजन से आएंगे.
यह भी पढ़ें- पीडीपी के साथ जाने को तैयार NC ! चुनाव परिणाम से एक दिन पहले फारूक अब्दुल्ला ने दिया बड़ा बयान
इस पहल का मुख्य उद्देश्य उन समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व प्रदान करना है, जिनकी आवाजें अक्सर राजनीति में दब जाती हैं. यह कदम जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देगा और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का एक नया मंच प्रदान करेगा. इससे राजनीतिक संतुलन स्थापित होगा और स्थानीय समुदायों की समस्याओं का समाधान संभव होगा.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.