जय किशोर प्रधान
Jay Kishore Pradhan: जब हौसले बुलंद होते हैं, तब किसी का उम्रदराज होना उसकी मंजिल के रास्ते में आड़े नहीं आता. ऐसे ही एक शख्स हैं- जय किशोर प्रधान, जो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे, उन्होंने 2020 में 64 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (Neet UG) सफलतापूर्वक पास करके सबको चौंका दिया.
जय किशोर प्रधान की यह कहानी, देश-दुनिया के उन लोगों को प्रेरणा देगी, जहां माना जाता है कि करियर शुरू करने के बाद या किसी नौकरी से रिटायर होने के बाद पढ़ाई की ओर लौटना असंभव है.
डिप्टी मैनेजर की पोस्ट से रिटायर होकर की पढ़ाई
ओडिशा के रहने वाले जय किशोर प्रधान एसबीआई से डिप्टी मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. धीमा पड़ने के बजाय, प्रधान ने मेडिकल फील्ड में एंट्री लेने की अपनी लंबे समय से चली आ रही आकांक्षा को पूरा करने का विकल्प चुना. दृढ़ संकल्प और उद्देश्य की नई भावना के साथ, उन्होंने अपने सपने को पूरा करने की यात्रा शुरू की, अपनी शैक्षणिक महत्वाकांक्षाओं को पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ संतुलित किया.
प्रधान ने नीट की तैयारी के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया, एक ऑनलाइन कोचिंग प्रोग्राम में दाखिला लिया, जो जटिल पाठ्यक्रम के माध्यम से संरचित मार्गदर्शन प्रदान करता था. अपनी तैयारी के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करते हुए उनका समर्पण और लचीलापन चमक उठा.
चुनौतियों पर पाया काबू
पारिवारिक जीवन के दबाव और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा के लिए स्टडी की डिमांड समेत कई बाधाओं के बावजूद, प्रधान दृढ़ रहे. मेडिकल प्रवेश परीक्षा पास करने के अपने लक्ष्य पर उनका अटूट ध्यान उन्हें प्रेरित करता रहा. 2020 में, उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने सफलतापूर्वक NEET परीक्षा पास की.
इस उपलब्धि ने उन्हें वीर सुरेंद्र साईं इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR) में एक प्रतिष्ठित सीट दिलाई, जो उनकी यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई. प्रधान की यात्रा इस धारणा की एक मिसाल है कि उम्र सिर्फ़ एक नंबर है और जीवन के किसी भी पड़ाव पर व्यक्ति के सपने हमेशा पूरे होने चाहिए.
– भारत एक्सप्रेस
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