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दिल्ली हाईकोर्ट ने DHFL बैंक कर्ज घोटाला मामले में कपिल वधावन की जमानत याचिका पर CBI से स्टेटस रिपोर्ट मांगी

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि वधावन बंधुओं ने यूनियन बैंक के नेतृत्व में 17 बैंकों के संघ से धोखाधड़ी करने के लिए षड्यंत्र रचा था और उनलोगों ने बैंकों के संघ को 42,871.42 करोड़ रुपए का भारी भरकम कर्ज स्वीकृत करने का लालच दिया था.

कपिल वधावन

दिल्ली हाईकोर्ट ने बैंक कर्ज के करोड़ों रुपए धोखाधड़ी करने के आरोपी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व प्रमोटर कपिल वधावन की जमानत याचिका पर सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने सीबीआई से 10 दिनों के भीतर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहते हुए सुनवाई 7 नवंबर के लिए स्थगित कर दी है.

वधावन के वकील ने कोर्ट से कहा कि सीबीआई ने वर्ष 2022 में यह मामला दर्ज किया था. उसके मुवक्किल लगभग छह सौ दिनों से हिरासत में हैं. इस मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. उन्हें भी जमानत पर रिहा कर दिया जाए. सीबीआई के वकील ने उसका विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करने के बदले सीधे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है. पहले उन्हें निचली अदालत जाने को कहा जाए. वधावन के वकील ने जवाब दिया कि हाईकोर्ट में इसलिए जमानत याचिका दाखिल की है क्योंकि उसके पास भी याचिका का निपटारा करने का अधिकार है. वैसे निचली अदालत ने उन्हें पहले वैधानिक जमानत दी थी जिसे हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था.

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इस मामले में सीबीआई ने वधावन बंधु कपिल व धीरज को 19 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया था. उसने 15 अक्टूबर, 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया था और निचली अदालत ने इस पर संज्ञान लिया था. उनके खिलाफ प्राथमिकी यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर दर्ज की गई थी. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि DHFL के तत्कालीन सीएमडी कपिल वधावन, तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन और अन्य आरोपियों ने यूनियन बैंक के नेतृत्व में 17 बैंकों के संघ से धोखाधड़ी करने के लिए षड्यंत्र रचा था और उनलोगों ने बैंकों के संघ को 42,871.42 करोड़ रुपए का भारी भरकम कर्ज स्वीकृत करने का लालच दिया था. इसमें से ज्यादातर धनराशि कथित तौर पर गबन कर ली गई और बैंक का बकाया नहीं चुकता किया. उससे संघ को 34,615 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

-भारत एक्सप्रेस

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