विरोध करते स्थानीय लोग
Haldwani Railway Encroachment: उत्तराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास अनाधिकृत तरीके से रह रहे करीब 4 हजार परिवारों को घर खाली करने का नोटिस रेलवे ने दिया है. नैनीताल हाईकोर्ट ने रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए 4365 भवनों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद ये मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. मामले की सुनवाई 5 जनवरी को होगी. अब 5 हजार से अधिक लोगों की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं.
शहर के कई लोग अतिक्रमण ध्वस्त करने के पक्ष में हैं, तो वहीं कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं. जिससे इलाके में माहौल काफी गर्म है. अवैध कब्जे को हटाने के विरोध में जहां सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए हैं वहीं विपक्ष के रूप में कांग्रेस यहां के लोगों के साथ खड़ी है. पहले जहां दिवंगत कांग्रेस नेत्री इंदिरा हृदयेश ने इन कब्जेदारों का साथ दिया था वहीं अब उनकी विरासत संभाल रहे उनके बेटे सुमित हृदयेश भी इस मामले में कब्जेदारों के साथ खड़े हैं.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
दरअसल, सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के शराफत खान समेत 11 लोगों की याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद की ओर से दाखिल की गई. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 5 जनवरी 2023 को सुनवाई करने को कहा है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश समेत कई लोग वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद के साथ मौजूद रहे.
रेलवे जारी कर चुका है नोटिस
बता दें कि मामले में अतिक्रमणकारियों को रेलवे नोटिस जारी कर चुका हैं. पूर्वोत्तर रेलवे ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 7 दिन के अंदर जगह खाली कर दें, नहीं तो जबरदस्ती अतिक्रमण हटाएगा. उस पर आने वाला खर्च कब्जेदारों से वसूला जाएगा. नोटिस जारी होने से एक दिन पहले रेलवे की टीम ने पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में बनभूलपुरा अतिक्रमण क्षेत्र की ड्रोन मैपिंग की.
ड्रोन के जरिए पूरी हो चुकी है वीडियोग्राफी
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि दो घंटे तक ड्रोन से काम किया गया, जिसके बाद रेलवे ने अपनी भूमि से जुड़े सभी हिस्सों की मैपिंग पूरी कर ली. ड्रोन के माध्यम से भवनों की पूरी फोटो और वीडियोग्राफी हो चुकी है.
संघर्ष समिति ने सौंपा सीएम को ज्ञापन
इस मामले में बनभूलपुरा संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा. समिति के संयोजक उवैस राजा ने कहा कि रेलवे ने अतिक्रमण के नाम पर लगभग चार हजार से अधिक घरों को हटाने का नोटिस दिया है.
उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के नाम पर हटाई जारी बस्ती में फ्री होल्ड, लीज, पट्टे की जगह भी है तथा कई सरकारी, गैर सरकारी स्कूल भी है, जिसमें हजारों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इसके साथ ही एक बैंक भी है और कई धार्मिक जगह मंदिर, मस्जिद, मदरसे भी है. उवैस राजा ने सीएम से अनुरोध किया गया है, कि राज्य सरकार अपनी तरफ से कोर्ट में अपना पक्ष रखें, जिससे कि वहां के लोगों को न्याय मिल सके. वहीं, सीएम पुष्कर धामी ने इस मुद्दे पर कहा कि सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए.
बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा से अवैध निर्माण हटाने को तैयारी शुरू हो गई है. हाईकोर्ट के आदेश पर बनभूलपुरा क्षेत्र से रेलवे की करीब 78 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाया जाना है. इस दौरान अतिक्रमण की जद में करीब 4365 घर आ रहे हैं.
-भारत एक्सप्रेस