पिछले आठ-दस सालों में भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ज्यादा बिगड़े हैं. दोनों देशों ने अपने अपने राजनायिकों तक को एक दूसरे के देश से वापस बुला लिया है. इसका असर दोनों देशोे के बीच व्यापार पर भी पड़ा. आयात-निर्यात प्रभावित हुआ. मगर एक चीज है जो अब भी भारत को अपने पड़ोसी देश से खरीदनी पड़ती है. हम बात कर रहे हैं सेंधा नमक की. दैनिक जीवन के रोजमर्रा मेें इस्तेमाल होने वाला ये नमक, जिसे सेंधा नमक, रॉक साल्ट, सैंधव नमक, लाहौरी नमक, हैलाइट, गुलाबी नमक और हिमालयन नमक के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान (Pakistan) के पास भरपूर मात्रा में मौजूद है.
पाकिस्तान के पास ही क्यों है
इसको समझने के लिए हमें इसके नामकरण के पीछे जाना पड़ेगा. प्रचलित कहानियों के मुताबिक, सेंधा नमक का नाम सिंधु नदी के नाम पर पड़ा है. वर्तमान भौगोलिक स्थिति को देखें तो सिंधु सभ्यता की भौगोलिक स्थिति पाकिस्तान की ओर रही है. पाकिस्तान में स्थित पंजाब प्रांत के झेलम जिले के खेवड़ा में सेंधा नमक का सबसे बड़ा खदान है. इस खदान से हर साल 4.5 लाख टन सेंधा नमक निकाला जाता है. खेवड़ा की खदान में इतना नमक है इससे 450 साल तक आराम से नमक निकाला जा सकता है.
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99 फीसदी नमक पाकिस्तान से खरीदा
साल 2018-19 में भारत के कुल सेंधा नमक आयात का 99.7 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान (India import Rock Salt) से आया था. हालांकि, भारत ने सेंधा नमक के लिए पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता कम की है. साल 2019-20 में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात से सबसे ज्यादा सेंधा नमक खरीदा था. पाकिस्तान के अलावा भारत अन्य देशों ईरान, मलेशिया, जर्मनी, अफगानिस्तान, तुर्की और ऑस्ट्रेलिया से भी सेंधा नमक खरीदता है. भारत के प्रमुख शहर मुंबई, कोच्चि, हैदराबाद और दिल्ली में इसके प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के लिए यूनिट्स हैं.
पाकिस्तान में 2-3 रुपये किलो
भारत में सेंधा नमक की कीमत 50-60 रुपये प्रति किलो है. वहीं पाकिस्तान में यह 2-3 रुपये किलो पर उपलब्ध है. सेंधा नमक को आयुर्वेद विज्ञान में सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है. इसलिए व्रत त्योहारों में इसे खाना जरूरी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सही तरीके से सेंधा नमक का सेवन करने से हर साल 25 लाख मौतों को टाला जा सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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