भारतीय विदेश मंत्री के साथ मुइज्जू. फाइल फोटो
मालदीव (Maldives) दुनिया के सबसे महंगे पर्यटन स्थलों में से एक है. भारतीय पर्यटकों (Indian Tourists) की भी वहां बड़ी संख्या देखी जाती है. हालांकि, मालदीव सरकार (Maldives Government) का नया फैसला वहां घूमने की योजना बना रहे लोगों को झटका दे सकता है. 1 दिसंबर 2024 से मालदीव सरकार एग्जिट फीस (Exit Fees) बढ़ाने जा रही है. इस फैसले का सीधा असर मालदीव से प्रस्थान करने वाले यात्रियों पर पड़ेगा.
कितना बढ़ेगा टैक्स?
नए नियम के तहत, यात्रियों को उनकी फ्लाइट की क्लास के अनुसार अधिक फीस चुकानी होगी. यह टैक्स सभी गैर-मालदीव निवासियों (Non-Maldivian Residents) पर लागू होगा, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो.
इकोनॉमी क्लास: पहले 30 डॉलर था, अब 50 डॉलर.
बिजनेस क्लास: पहले 60 डॉलर था, अब 120 डॉलर.
फर्स्ट क्लास: पहले 90 डॉलर था, अब 240 डॉलर.
प्राइवेट जेट: पहले 120 डॉलर था, अब 480 डॉलर.
टिकट में ही जुड़ जाएगी फीस
ज्यादातर पर्यटकों को इस नए शुल्क का अलग से पता नहीं चलेगा. यह फीस एयरलाइन टिकट में ही जोड़ी जाएगी. हालांकि, मालदीव जाने वाली एक स्टार्टअप बिजनेस-क्लास एयरलाइन ने यात्रियों को सलाह दी है कि 30 नवंबर से पहले टिकट बुक करें ताकि वे बढ़ी हुई फीस से बच सकें.
भारत से रिश्तों पर असर
हाल के वर्षों में मालदीव और भारत के रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी. इसके बाद मालदीव के नेताओं के विवादित बयानों ने भारतीयों को नाराज कर दिया.
इस नाराजगी का असर मालदीव के पर्यटन पर पड़ा. भारतीय पर्यटकों ने मालदीव का बहिष्कार शुरू कर दिया. वहीं, लक्षद्वीप और अन्य समुद्र तटीय देशों जैसे थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया की लोकप्रियता बढ़ने लगी.
भारत पर निर्भर है मालदीव
मालदीव में करीब 1,200 कोरल आइलैंड्स (Coral Islands) और एटोल (Atolls) हैं. यहां की आबादी लगभग 5.2 लाख है. मालदीव का बड़ा हिस्सा भारत पर निर्भर है. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) ने समझ लिया है कि भारत से संबंध सुधारने में ही फायदा है. यही वजह है कि हाल में उन्होंने भारत से मित्रता को प्राथमिकता दी है.
-भारत एक्सप्रेस
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