हाईकोर्ट ने कृष्णा नगर के गंभीर ज्वेलर्स में लूट के दौरान उसके मालिक की हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा पाए छह लोगों की सजा को बरकरार रखा है. उसने इस मामले में एक अन्य अभियुक्त मोहम्मद असलम को मिले सात साल की सजा को भी बरकरार रखा है. न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता व न्यायमूर्ति अनीस दयाल की पीठ ने कहा कि सभी के खिलाफ बिना संदेह के अपराध की बात साबित होती है. इस दशा में निचली अदालत के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है और उसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है. पीठ ने यह कहते हुए सभी अभियुक्तों की अपील को खारिज कर दिया.
पीठ ने यह भी कहा कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य, अभियुक्तों से मिले लूट की जेवरात, गवाहों के बयान व उनके मिले हथियार अपराध को साबित करता है. निचली अदालत ने 22 मार्च, 2018 को अभियुक्त मो. सबीर, प्रदीप कुमार सैनी, सलीम, शान मोहम्मद, रूस्तम व शोहराब को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी और 30-30 हजार रुपए का जुर्माना किया था। उसने अभियुक्त मोहम्मद असलम को सात साल की सजा व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी.
पुलिस की तरफ से अधिवक्ता मुकेश कुमार ने कोर्ट से कहा था कि आदतन दुर्दात अपराधी हैं और सभी एक साथ मिलकर अपराध करते हैं। उनके डर से ही दो महिला गवाह मुकर गई. उन्होंने यह भी कहा कि अभियुक्त सलीम के खिलाफ 51 आपाराधित मामले, शोहरावत के खिलाफ 23 आपराधिक मामले, शान मोहम्मद के खिलाफ सात आपराधिक मामले, रूस्तम के खिलाफ 15 आपराधिक मामले, मोहम्मद सबीर के खिलाफ 23 अपराधिक मामले, प्रदीप के खिलाफ तीन आपराधिक मामले व असलम के खिलाफ एक आपराधिक मामले लंबित हैं.
मामले के अनुसार सभी अभियुक्तों ने 15 फरवरी, 2018 को शाम पांच बजे दुकान में घुसे और वहां के सेल्स गर्ल व मालिक गौतम गंभीर पर पिस्तौल तान दिया और अपने कब्जे में ले लिया। उसके बाद एक अपराधी सभी ज्वेलरी बैग में भर लिए। उसन मालिक गौरव गंभीर से हाथ में पहने ब्रेसलेट देने की मांग की तो उसने आग्रह किया कि उसे कम से कम रहने दिया जाए। उसके बाद उसपर पिस्तौन ताने अपराधी ने उसके सिर में गोली मार दी और मोटरसाइकिल से भाग गए। बाद में पुलिस ने सभी को गिरफ्तार किया आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में 45 गवाहों की पेशी हुई थी।
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