ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए के शर्मा
UP News: उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की भांति विद्युत कर्मियों को भी कैसलेस इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए प्रस्ताव बनाया जा रहा है. कार्मिकों की एसीपी की विसंगतियां दूर हों तथा सभी संविदा कर्मियों के मानदेय में एकरूपता बने, इसके लिए भी प्रयास किये जायेंगे. विद्युत कर्मियों की दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु पर उनकी क्षतिपूर्ति को 05 लाख रुपये से अधिक बढ़ाने पर विचार किया जायेगा. विद्युत कर्मियों को भी बीमा का लाभ मिले इन सभी मामलों पर विचार करके एवं आपसी संवाद से कार्मिकों के हित में निर्णय लिया जायेगा.
उन्होंने विगत एक वर्षों में विद्युत कर्मियों द्वारा विभाग हित में किये गये परिश्रम की सराहना की और कहा कि उनकी बदौलत आज विद्युत इकाईयां 08 प्रतिशत की ज्यादा पीएलएफ क्षमता से कार्य कर रही हैं. विभाग के एटीएस लॉस में 05 प्रतिशत की कमी आयी, जो कि पहले 31 प्रतिशत थी. राजस्व वसूली में भी वृद्धि हुई है और बिजली उत्पादन भी 13.39 प्रतिशत बढ़कर 39691 मिलियन यूनिट हुआ है, जो कि प्रशंसनीय है.
मंत्री के शर्मा लखनऊ के गन्ना संस्थान में आयोजित उत्तर प्रदेश विद्युत मजदूर पंचायत के 24वें सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. उन्होंने विद्युत कर्मचारियों को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताया. साथ ही कहा कि परिवार के उत्सव में परिवार के मुखिया के रूप में ऊर्जा मंत्री का शामिल होना जरूरी था. उन्होंने सभी विद्युत कर्मी को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताते हुए, आपसी संवाद से समस्याओं का निदान करने की बात कही और कहा कि सभी एक साथ मिलकर जनता की सेवा करेंगे.
इस दौरान उन्होंने विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने देने का आश्वासन दिया. विद्युत व्यवधान करके जनता को बेवजह परेशान करना महापाप है, ऐसा घोर पाप बिल्कुल न करें. विद्युत आपूर्ति जीवन का आधार बन गई है एवं हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है. उन्होंने विद्युत कर्मियों के हड़ताल के दौरान उत्पन्न परिस्थितियों एवं समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए कहा कि जिस डाल पर बैठे हो, उसी डाल को कटोगे, तो कभी भी सुखी नहीं रहोगे.
विभाग के घाटे में होने से किसी को भी कोई फायदा नहीं
मंत्री ए के शर्मा ने कहा कि विद्युत विभाग के ऊपर इस समय 82 हजार करोड़ रुपये का लोन है और 01 लाख करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा है. ऐसे में ऋण लेकर घी पीना विद्युत कर्मियों की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा. विभाग घाटे में होने से किसी को भी कोई फायदा नहीं होगा, इस आर्थिक संकट से विभाग को उबारना आवश्यक है. विद्युत विभाग को लाभ की श्रेणी में लायें और अपनी जायज मांगों के समाधान के लिए संवाद का रास्ता अपनायें. विद्युत आपूर्ति बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा है, भविष्य में कभी भी विद्युत व्यवधान करने का दुष्साहस न किया जाये, यही अपील है.
-भारत एक्सप्रेस
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