विश्लेषण

ज्वाइंट CP की सराहना के बाद करोड़ों के खेल की आरोपी AATS को DCP ने दी क्लीन चिट

उत्तर पूर्वी जिला के ज्योति नगर थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध कैसिनो पर छापा मारने वाली AATS टीम को जिला DCP ने क्लीन चिट दे दी है. पुलिस आयुक्त के आदेश पर उत्तर पूर्वी जिला पुलिस को मामले की जांच सौंपी गई थी. हालांकि जांच शुरू होने से पहले ही संयुक्त पुलिस आयुक्त ने आरोपी टीम की कार्रवाई की सराहना कर दी थी. जिसके बाद माना जा रहा था कि तथाकथित जांच के बाद आरोपों टीम को क्लीन चिट दे दी जाएगी. पुलिस प्रवक्ता DCP सुमन नलवा कहती हैं कि जिला पुलिस उपायुक्त ने जानकारी दी है कि इस मामले की जांच में आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं.

यह था पूरा मामला

उत्तर पूर्वी जिला की AATS ने 11 फरवरी की देर रात वज़ीराबाद रोड स्थित कैपिटल रेजीडेंसी की पांचवी मंजिल पर छापा मारकर अवैध कैसिनो पकड़ा था. मौके से 41 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. ज्योति नगर थाने में दर्ज मुक़दमे के अनुसार मौके से करीब पांच लाख रुपए की बरामदगी दिखाई गई. सूत्रों के अनुसार यह कैसिनो ज्योति नगर पुलिस की मिलीभगत से चल रहा था. यही वजह रही कि सूचना के बाद मौके पर पहुंचे ज्योति नगर थानाध्यक्ष और AATS प्रभारी SI बलबीर के बीच नौंक-झौंक भी हुई थी. मगर आला अधिकारियों ने इस मामले में इलाके के बीट अधिकारी ASI योगेश कुमार को लाइन हाजिर कर बाकी लोगो को छोड़ दिया.

यह लगा था आरोप

इस कैसिनो में दांव लगाते पकडे गए आरोपी करोल बाग, शालीमार बाग, रोहिणी, आदर्श नगर, गांधीनगर, गीता कालोनी, शाहदरा, इंदिरापुरम और गाजियाबाद आदि इलाकों के रहने वाले हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार AATS टीम ने इनसे करीब ढाई करोड़ रुपए बरामद किए थे. लेकिन दर्ज मुक़दमे में महज पांच लाख रुपए की बरामदगी का ही हवाला दिया गया है.

SI चला रहा था AATS

दिल्ली के हर जिला पुलिस में कार्यरत ऑपरेशन सेल के तहत आने वाले स्पेशल स्टाफ और AATS का प्रभारी किसी अनुभवी और तेज तर्रार पुलिस इंस्पेक्टर को नियुक्त किया जाता है. मगर आला अधिकारियों में रसूख की बदौलत उत्तर पूर्वी जिला AATS का प्रभारी सब इंस्पेक्टर बलबीर को बनाया गया था.

तैयारी से की थी कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक, AATS टीम को जानकारी थी कि अवैध कैसिनों में मौजूद जुआरियों के पास करोड़ों रुपए हैं. इसलिए उन्होंने कानूनी अनिवार्यता के बावजूद ACP स्तर के अधिकारी को छापे की जानकारी नहीं दी. इतना ही नहीं कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग भी नहीं की. छापे की अगवाई SI बलबीर कर रहा था.

पहले ही दे दी थी क्लीन चिट

पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने मामला पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के संज्ञान में डाल दिया. उनके आदेश पर मामले की जांच उत्तर पूर्वी जिला पुलिस को सौंप दी गई. मगर पूर्वी रेंज की संयुक्त पुलिस आयुक्त छाया शर्मा ने पुलिस आयुक्त के जांच के आदेश को नजरंदाज कर परिणाम आने से पहले ही आरोपी AATS टीम की कार्रवाई की सराहना कर डाली. इसके बाद कयास लगने लगे थे कि आरोपी टीम को क्लीन चिट मिल जाएगी.

जांच पर भी सवाल

सूत्र कहते हैं कि दर्ज मुक़दमे में जिस एसीपी गोकुलपुरी के नेतृत्व में कार्रवाई का दावा किया गया, दरअसल उन्हें छापे के बाद इत्तला देकर बुलाया गया. एसीपी की लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज की जांच में यह साबित भी हो जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि वीडियो रिकॉर्डिंग और ACP की अगवाई के बिना हुई कार्रवाई को क्यों गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है? लेकिन उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने इन अहम पहलुओं को भी नजरंदाज कर दिया.

सुबोध जैन

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