Harda Factory Blast: इंदौर के हरदा में हुए भीषण हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है. पटाखा फैक्ट्री के अंदर भीषण आग लगने के बाद से ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमें मलबा हटाने के काम में लगी हुई हैं.
इस बीच, पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट की घटना के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल के रूप में हुई है. हरदा के पुलिस अधीक्षक संजीव कंचन ने कहा कि वे विस्फोट की घटना के संबंध में एक और व्यक्ति से पूछताछ कर रहे हैं.
जिंदगी की जंग लड़ रहे हादसे में घायल
हरदा में धामके के बाद से ही हर तरफ मौत और खून का मंजर है. लोगों ने इस धामाके में अपनों को खोया है. वहीं कई अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. हरदा का वास्तविक गुनहगार कौन है? इसे लेकर छानबीन चल रही है, लेकिन देखा जाए तो इस हादसे के पीछे की वजहें हैं. प्रशासन से लेकर कई विभागों की लापरवाहियां निकल कर सामने आ रही है. इसका सबसे बड़ा प्रमाण यही है कि रिहायशी इलाके में फैक्ट्री की मजूरी आखिर किसने दी? प्रथम दृष्टया फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन जांच अभी जारी है. मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने इस सिलसिले में उच्चस्तरीय बैठक भी की है. जिसमें पूरे प्रदेश के कलेक्टर शामिल थे. मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि जिले में जहां-जहां पटाखा फैक्टरी है वहां पूरी सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है या नहीं. इस घटना से जुड़ा जो भी वीडियो सामने आया है, उसे देखकर रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं.
मामले में एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया “हमने सारंगपुर से राजेश अग्रवाल और सोमेश अग्रवाल नाम के दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है. उन पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है. एक अन्य आरोपी रफीक खान से भी पूछताछ की जा रही है.”
लेकिन सवाल यह भी रहेगा की आखिर कब तक इस तरह के हादसे होते रहेंगे और बेकसूरों को अपनी जान गंवानी पड़ेगी. भीषण विस्फोट के कारण पूरा इलाका काले धुएं से भर गया है. हादसे के वक्त तो आसपास स्थित घरों और दुकानों की खिड़कियों के शीशे टूट गये तो आसपास स्थित दर्जनों घर जलकर राख हो गए.
ऐसा लगा मानो भूकंप आ गया
स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐसा लगा मानो हरदा में भूकंप आ गया हो. धमाकों में कई गाड़ियों में भी आग लग गई. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की. उन्होंने कहा, “यहां लाए गए 12 मरीजों में से एक की जान जा चुकी है. अभी यहां 11 मरीज हैं. दो का ऑपरेशन चल रहा है. मैं 9 मरीजों से मिला. बचाव कार्य जारी है. मैंने सभी जिलों से ऐसे ही स्थानों की निरीक्षण रिपोर्ट मांगी है. हमने जांच के आदेश दे दिए हैं.”
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हादसे के बाद की तस्वीरें बता रही हैं कि घटना कितना भयानक था. और सवाल भी पूछ रहीं है कि आखिर कब तक इस तरह के हादसे होते रहेंगे?
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