विश्लेषण

क्या ये विश्व युद्ध की आहट है?

इजरायल और हमास के बीच खुनी संघर्ष का सिलसिला जारी है. दोनों ओर से हमले पर हमले हो रहे हैं. ताजा जंग की शुरुआत हमास के आतंकियों ने की, जब शनिवार तड़के हमास की ओर से इजरायल पर 5000 रॉकेट दागे गए. इस हमले के बाद इजरायल ने युद्ध की घोषणा कर दी और जोरदार जवाबी हमले शुरू कर दिए हैं. इन हमलों में हमास के 650 से ज्यादा ठिकानें तबाह हो गए हैं. हालांकि इस जंग में इजरायल को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. खबरों के मुताबिक हमास के आतंकी हमले में इजरायल के 700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. करीब 2000 लोग घायल हैं. तो, गाजा पट्टी पर इजरायल के जवाबी हमले में 450 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और 2300 से ज्यादा घायल हैं.

फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के नेता मोहम्मद डेफ ने एक बयान जारी किया है. उसका कहना है कि हमास ने इजरायल के खिलाफ ‘ऑपरेशन अल-अक्सा स्टॉर्म’ शुरू किया है. साथ ही डेफ सभी फिलिस्तीनियों से इजरायल का सामना करने की अपील की है और कहा, कि अब बहुत हो गया, हमने हमले का फैसला किया है. तो ताजा हालात के मद्देनजर इजराइल की सेना ने जंग के लिए तैयार होने का दावा किया और सैनिकों के लिए ‘रेडिनेस फॉर वॉर’ का अलर्ट जारी कर दिया. अब दोनों ओर से भीषण जंग जारी है.

हमास-इजरायल जंग में कूदा हिजबुल्लाह

इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में लेबनान का हिजबुल्लाह भी कूद पड़ा है. उसने भी इजरायल के कई ठिकानों पर रॉकेट और गोले दागे हैं. इजरायल ने भी लेबनान के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है. इजरायल की सेना ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला कर कई बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया है.

नया नहीं है संघर्ष

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच का ये जंग कोई नया नहीं है. दोनों के बीच संघर्ष का इतिहास करीब 100 साल पुराना है. जो बीच-बीच में जंग का रूप अख्तियार कर लेता है. फिलिस्तीन और इजरायल के बीच पश्चिमी बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स को लेकर विवाद है. फिलिस्तीन इन इलाकों के साथ-साथ पूर्वी यरुशलम पर भी दावा ठोकता है.

गाजा पट्टी विवाद

\गाजा पट्टी फिलिस्तीन का एक छोटा हिस्सा है, जो मिस्र और इजरायल के मध्य भूमध्यसागरीय तट पर मौजूद है. फिलिस्तीन अरबी और मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. गाजा पट्टी पर मौजूदा वक्त में हमास का शासन है. हमास इजरायल के विरोध में खड़ा हुआ एक आतंकी ग्रुप है. फिलिस्तीन और कई मुस्लिम देश इजरायल को यहूदी राज्य नहीं मानते हैं. दरअसल 1947 के बाद संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बांट दिया था, जिससे एक यहूदी देश इजरायल और एक अरब देश फिलिस्तीन बना. तब से ही दोनों के बीच संघर्ष जारी है. जिसमें एक महत्वपूर्ण मुद्दा यहूदी राज्य के रूप में स्वीकार नहीं करना है, तो दूसरा गाजा पट्टी है.

यह भी पढ़ें: Israel-Hamas War: इजरायल-हमास की ‘जंग’ में कौन सा देश किसके साथ…दो खेमे में बंटी दुनिया!

दो ध्रुवों में बंटेगी दुनिया?

लेकिन ताजा संघर्ष के बाद दुनिया दो ध्रुवों में बंटती नजर आ रही है. हमास के खिलाफ इस जंग में अमेरिका ने इजरायल को खुलकर समर्थन और सैन्य सहयोग देने की घोषणा की है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के आदेश के बाद अमेरिकी युद्धपोत और लड़ाकू विमान इजरायल पहुंचने लगे हैं. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा की और इस मुश्किल वक्त में इजरायल के साथ खड़े होने की बात कही.

यूरोपीय कमीशन ने हमास के हमले को आतंकवाद का सबसे घिनौना रूप बताया है और कहा है कि इजरायल को ऐसे हमलों से खुद को बचाव का अधिकार है. बेल्जियम ने हमले की निंदा की है. उसका कहना है कि वो हालात पर नजर बनाए हुए. फ्रांस की ओर से भी आतंकवादी हमलों की निंदा की गई है. राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने पीड़ितों और उनके परिजनों के प्रति अपनी एकजुटता की बात कही है. जर्मनी ने कहा है कि बेगुनाह लोगों पर हमले तुरंत बंद होने चाहिए. तो ब्रिटेन के मुताबिक वो इजरायल के लोगों को अपनी हिफाजत के अधिकार का समर्थन करेगा.

दूसरी तरफ, ईरान ने हमास के हमले का समर्थन किया है. खबरों के मुताबिक ईरान के सर्वोच्च नेता सैयद अली होसैनी खामेनेई के एक सलाहकार रहीम सफवी की ओर से बताया गया कि वो फिलिस्तीन लड़ाकों को बधाई देते हैं और वो फिलिस्तीन और यरुशलम की आजादी तक साथ खड़े हैं. ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने भी बधाई दी है. मिस्र ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच तनाव बढ़ने पर गंभीर नतीजे की चेतावनी दी है. तो कतर ने एक बयान जारी कर फिलिस्तीनियों के साथ बढ़ती हिंसा के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है. अंतरराष्ट्रीय समूह से युद्ध को रोकने की अपील की.

सऊदी अरब ने सधे हुए शब्दों में अपनी बात रखी है. सऊदी अरब ने इजरायल और फिलीस्तीनियों के बीच तुरंत हिंसा बंद करने की अपील की है. हालांकि रूस ने फिलीस्तीनियों और अरब देशों के संपर्क में होने का दावा किया है, उसका कहना है कि वो हमेशा संयम बरतने की अपील करता है. मौजूदा जंग में अमेरिका समेत कई देशों के रूख सवाल खड़े करते हैं. अगर ये जंग जल्दी नहीं थमा तो क्या विश्व युद्ध जैसे हालात पैदा हो सकते हैं?

-भारत एक्सप्रेस

प्रशांत पांडेय, संपादक, भारत एक्सप्रेस

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