Mp Election 2023: जब से मुख्यमंत्री बना हूं, 4 घंटे भी नहीं सो सका हूं. मैंने सरकार नहीं परिवार चलाए हैं. ये शब्द हैं मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान की. जैसे-जैसे राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे सीएम इमोशनल कार्ड खेलते नजर आ रहे हैं. एक बार फिर से रविवार को सिरोह में सीएम शिवराज इमोशनल हो गए. उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों से पूछा मैं भैया लगता हूं या मुख्यमंत्री.
सीएम शिवराज ने कहा कि जहाज पूरा काफी दिनों से आना नहीं हुआ था, पर तुमने जैसे ही पुकारा मैं चला आया. बताओ मैं मुख्यमंत्री लगता हूं या भैया लगता हूं. मैंने सरकार परिवार का सदस्य बनकर चलाई है. शिवराज सिंह ने कहा कि जब से मुख्यमंत्री बना हूं 4 घंटे भी नहीं सो सका हूं. मैं मुख्यमंत्री इसलिए नहीं बना कि चैन से सो सकूं. रात को 2 बजे सोता हूं और सुबह काम पर लग जाता हूं. कई नेता आए और गए किसी ने बहनों को कुछ दिया? मैंने लाडली लक्ष्मी योजना बनाई. लाडली बहना योजना बनाई, जिसका प्रदेश में ही नहीं देशभर में असर हुआ है.
“जब मैं चला जाऊंगा तो याद आऊंगा तुम्हें”
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान इनदिनों ताबड़तोड़ कार्यक्रम कर रहे हैं. कहीं कार्यक्रम में लोकार्पण तो कहीं सम्मेलन में जनता को संबोधित करना सीएम शिवराज की दिनचर्या बन गई है. इन सबके अलावा शिवराज सिंह चौहान इमोशनल कार्ड भी खेल रहे हैं. इससे पहले 1 अक्टूबर को सीएम शिवराज अपने गृह जिले के सीहोर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान वो भावुक हो गए. उन्होंने जनता से कहा था जब मैं चला जाऊंगा तो याद आऊंगा तुम्हें. उन्होंने कहा था कि मेरे लिए राजनीति का मतलब जनता की सेवा करना है और जनता की सेवा करना मेरे लिए भगवान की पूजा करने जैसा है. मैंने मध्य प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी. हमारे गरीब भाई-बहन, किसान भाई-बहन, आपने वर्षों तक कांग्रेस का शासन देखा है. बताइए, क्या कभी जनता के लिए ऐसी चिंता थी? क्या होता था ? मैं सरकार नहीं चलाता. मैं एक परिवार चलाता हूं. आप सभी मेरा परिवार हैं. ”
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मध्य प्रदेश चुनाव की जिम्मेदारी भाजपा ने पार्टी के 3 केंद्रीय मंत्री और पार्टी महासचिव के साथ-साथ 3 सांसदों को दी है. शिवराज सिंह ओपनिंग करते दिख तो रहे हैं लेकिन पिच पर कंट्रोल केंद्र का है. कहीं न कहीं शिवराज इसी बात पर भावुक हो जा रहे हैं. शायद यही वजह है कि शिवराज सिंह को बार-बार जनता से पूछना पड़ रहा है. दरअसल, एमपी के लिए भाजपा ने मोदी सरकार के तीन मंत्रियों-नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते और साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है. इसके साथ ही राज्य में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के लिए जगह लगभग खाली हो गई है.
भाजपा ने अब तक कहा है कि वह सामूहिक नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगी, लेकिन पार्टी ने यह बताने से हमेशा इनकार किया है कि अगर वह सत्ता में आती है तो मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं. तोमर को पहले एमपी चुनाव के लिए पार्टी की चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक नियुक्त किया गया था.
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