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100 जिलों को निर्यात हब बनाने के लिए चुना जाएगा : DGFT

सारंगी ने इस बारे में आगे बताते हुए कहा कि सरकार इस योजना से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ना चाहती है, ताकि वे एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने वाली इस नीति का हिस्सा बन इसे एक मुख्य कार्य के रूप में देखें

export hub

प्रतीकात्मक तस्वीरें

EXPORT HUB : विदेश व्यापार महानिदेशक (DGFT) संतोष कुमार सारंगी ने कहा है कि सरकार 100 जिलों को पहचान कर निर्यात हब के रूप में डेवलप करेगी . जिलों को पहचानने के लिए “बॉटम-अप अप्रोच” अपनाए जाने की बात सामने आ रही है. सारंगी ने इस बारे में आगे बताते हुए कहा कि सरकार इस योजना से ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ना चाहती है, ताकि वे एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने वाली इस नीति का हिस्सा बन इसे एक मुख्य कार्य के रूप में देखें. इस योजना के तहत वस्तुओं और सेवाओं को दोनो को जोड़ा जाएगा. आपको मालूम हो कि एक जिला एक उत्पाद के तहत हर जिले से एक प्रोडक्ट या सर्विस के लिए चुना जाएगा और फिर उसे उसके निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.

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इस योजना के तहत पहले चरण में 75-100 जिले चुने जाएंगे . जिनकी संख्या बाद में बढ़ाई भी जा सकती है.

निर्यातकों को मिलेगी माफी – डीजीएफटी ने कहा कि नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में बताए गए निर्यात दायित्वों से अगर कोई निर्यातक चूक जाता है, तो उसके लिए विशेष माफी योजना बनाई गई है. जिसके तहत निर्यातकों को सीमा शुल्क का भुगतान करके लंबित मामलों को निपटाने की मंजूरी दी जाएगी . इसके साथ ही निर्यातकों को अधूरे निर्यात दायित्व से भी छूट दी गई है. यह योजना सरकार की ‘वादा से विश्वास’ पहल की तर्ज पर है, जिसके तहत टैक्स से जुड़े विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाने की कोशिश की जाती है.

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डीजीएफटी ने निर्यातकों को अब तक सितंबर 2021 में घोषित 56,027 करोड़ रुपये से 7,000-8,000 करोड़ रुपये की “ध्यान देने योग्य बचत” करने की योजना बना रही है, ताकि वित्त वर्ष 2021 तक जिन निर्यातकों का पैसा बकाया है उन्हें पैसा दिया जा सके. आपको मालूम हो कि DGFT लगभग 42,000 करोड़ रुपये का बकाया चुकाया है.

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