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GST Council Meeting: सस्ते हुए पेंसिल-शार्पनर और राब, इन प्रोडक्ट पर घटा जीएसटी, जानें पान मसाला पर कितना लगेगा जीएसटी

GST Council Meeting: बैठक में कई जरूरी उत्पादों पर जीएसटी घटाने का फैसला भी लिया गया. वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोलियम उत्पादों पर GST को लेकर भी अपनी बात कही.

nirmala sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण.

49th GST Council Meeting: दिल्ली में आयोजित हुई जीएसटी काउंसिल की 49वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई GST Council की बैठक में शामिल हुईं. उनके अलावा इस बैठक में राज्य मंत्री पंकज चौधरी और राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया. बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की दो रिपोर्ट्स को Council द्वारा स्वीकार कर लिया गया है.

जीएसटी क्षतिपूर्ति की लंबित शेष राशि का हुआ भुगतान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी क्षतिपूर्ति से जुड़ी जानकारी देते हुए बताया कि हमने आज घोषणा की है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की लंबित शेष राशि का आज के दिन तक का पूरा भुगतान कर दिया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी मुआवजे के रूप में जून के लिए लंबित शेष राशि के मद में कुल 16,982 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी जाएगी. इससे पिछले पांच सालों का सेस का भुगतान भी होगा. लेकिन अगर बात की जाए इस राशि की तो आज की तारीख में यह मुआवजा कोष में वास्तव में उपलब्ध नहीं है.

पेट्रोलियम उत्पादों पर GST को लेकर कहा यह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोलियम उत्पादों पर GST को लेकर कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने के लिए राज्यों को एक एग्रीमेंट पर पहुंचने की जरूरत है.

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सस्ते हुए ये उत्पाद

GST Council Meeting में कई जरूरी उत्पादों पर जीएसटी घटाने का फैसला भी लिया गया. इनमें तरल गुड़ (लिक्विड जैगरी/राब) पर जहां पहले जीएसटी 18 प्रतिशत थी, वहीं अब यह शून्य है. हालांकि, अगर यह प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड है, तो फिर इस पर 5 प्रतिशत GST लगेगा.

इन उत्पादों के अलावा पेंसिल-शार्पनर पर भी GST कम किया गया है. इन दोनों पर जीएसटी की दर को घटाकर 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा अब पान मसाला और गुटखा पर इनके उत्पादन के हिसाब से जीएसटी लगेगा. वहीं अब इन पर कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन लागू होगा.

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