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IBS Software भारत में एयरलाइन और लॉयल्टी प्रोग्राम सेक्टर में विस्तार की बना रही है योजना

Global Travel Industry: आईबीएस सॉफ्टवेयर भारतीय एविएशन और लॉयल्टी प्रोग्राम सेक्टर में विस्तार की योजना बना रही है, इंडिगो और अकासा एयर के साथ साझेदारी के अवसर तलाश रही है.

Global Travel Industry

आईबीएस सॉफ्टवेयर (IBS Software), जो वैश्विक यात्रा क्षेत्र के लिए एक प्रमुख सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस (SaaS) प्रदाता है, भारत में एयरलाइन उद्योग और लॉयल्टी प्रोग्राम सेक्टर में नए व्यावसायिक अवसरों का पता लगाने की योजना बना रही है. PTI की 8 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की. कंपनी के संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष वी. के. मैथ्यूज ने भारतीय बाजार की संभावनाओं पर सकारात्मक दृष्टिकोण व्यक्त करते हुए कहा कि यह क्षेत्र जबरदस्त विकास की ओर अग्रसर है.

सिंगापुर स्थित यह SaaS प्रदाता लगभग 5,000 कर्मचारियों को रोजगार देता है और एविएशन, ट्रैवल, क्रूज़, हॉस्पिटैलिटी और ऊर्जा संसाधनों सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 200 ग्राहकों को सेवाएँ प्रदान करता है. इसके प्रमुख ग्राहकों में एमिरेट्स, ब्रिटिश एयरवेज, चाइना एयरलाइंस, कैथे पैसिफिक, एतिहाद, जापान एयरलाइंस, केएलएम, लुफ्थांसा, वर्जिन अटलांटिक, हयात, हिल्टन, शेवरॉन, ADNOC और रॉयल कैरिबियन इंटरनेशनल शामिल हैं.

भारतीय बाजार में विस्तार की योजना

भारत में, आईबीएस सॉफ्टवेयर वर्तमान में एयर इंडिया के लिए एयर कार्गो संचालन और स्टाफ ट्रैवल प्रबंधन हेतु सॉफ़्टवेयर समाधान लागू कर रही है. पीटीआई को कोच्चि में दिए गए एक साक्षात्कार में, मैथ्यूज ने संकेत दिया कि कंपनी इंडिगो और अकासा एयर के साथ साझेदारी के अवसरों की तलाश कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि आईबीएस सॉफ्टवेयर के पास एविएशन और ट्रैवल सेक्टर के लिए सबसे व्यापक उत्पाद पोर्टफोलियो है.

भारत में लॉयल्टी प्रोग्राम की संभावनाएं

जब उनसे भारत में लॉयल्टी प्रोग्राम के अवसरों के बारे में पूछा गया, तो मैथ्यूज ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और कहा, “बिल्कुल, यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर हम ध्यान देंगे”.

गौरतलब है कि भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है. घरेलू एयरलाइंस अपने बेड़े और नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रही हैं ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके.

भारतीय बाजार में उत्पादों की स्थिति

आईबीएस सॉफ्टवेयर के उत्पादों की कीमतों को लेकर पूछे गए सवाल पर मैथ्यूज ने स्वीकार किया कि उनके समाधान अपेक्षाकृत महंगे हो सकते हैं, लेकिन कंपनी को सही रणनीतिक स्थिति बनानी होगी. उन्होंने कहा कि भारत में, जहाँ लागत एक प्रमुख कारक होती है, आईटी को अभी भी एक व्यय के रूप में देखा जाता है, न कि एक मूल्यवर्धक संसाधन के रूप में. हालाँकि, यह धारणा धीरे-धीरे बदल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था विकसित होगी, लागत की बजाय मूल्य में भिन्नता अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी.

भविष्य की संभावनाएं और तकनीकी रुझान

मैथ्यूज ने स्वीकार किया कि भारत और चीन वे दो बाजार हैं, जहाँ कंपनी को अब तक अन्य क्षेत्रों की तुलना में समान सफलता नहीं मिली है. लेकिन उन्होंने भारत की आगामी दो दशकों में जबरदस्त वृद्धि की संभावनाओं को लेकर आशावाद व्यक्त किया. उन्होंने प्रमुख उद्योग प्रवृत्तियों की पहचान की, जिनमें बेहतरीन तकनीकी सिस्टम की आवश्यकता, ट्रैवल कॉमर्स में प्रगति और ग्राहक संबंध प्रबंधन को मजबूत बनाना शामिल है.

मैथ्यूज ने कहा, “एयरलाइन रिटेलिंग के क्षेत्र में हवाई अड्डों पर कई अवसर उपलब्ध हैं, लेकिन हम मुख्य रूप से एयरलाइंस को खुदरा क्षमताएँ प्रदान करते हैं. हवाई अड्डों के लिए, हम वाणिज्यिक एविएशन से जुड़ी सेवाएँ जैसे डिपार्चर कंट्रोल, चेक-इन और कार्गो प्रबंधन प्रदान करते हैं.”

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-भारत एक्सप्रेस 



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