भारतीय उद्योग परिसंघ ने ‘इंडियन रूट्स, अमेरिकन सॉइल’ नाम से एक रिपोर्ट का प्रकाशन किया है.
America: अमेरिका में इन दिनों बैंकिंग सेक्टर की हालत ठीक नहीं चल रही है. देश के केंद्रीय बैंक ने एक बार फिर ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है. वहीं अमेरिका के खस्ताहाल होते बैंकिंग सेक्टर को लेकर भारत में भी चिंता देखी जा रही है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिका के बैंकों में भारतीय कंपनियों द्वारा किया गया अरबों डॉलर का निवेश है.
सीआईआई की रिपोर्ट
अमेरिका में बैंकिंग सेक्टर को लेकर लगातार नकारात्मक खबरें आ रही हैं. बताया जा रहा है कि यहां के 180 से ज्यादा बैंक कंगाली की राह पर हैं. वहीं इसे आने वाली मंदी का संकेत माना जा रहा है. भारतीय उद्योग परिसंघ ने ‘इंडियन रूट्स, अमेरिकन सॉइल’ नाम से एक रिपोर्ट का प्रकाशन किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की कंपनियों ने अमेरिका में 40 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है.
भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश
भारतीय कंपनियों द्वारा अमेरिका के टेक्सास में सबसे ज्यादा निवेश किया गया है. वहीं इसके बाद जॉर्जिया, न्यू जर्सी, न्यूयॉर्क और मैसाचुसेट्स में इंवेस्टमेंट किया गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 85 प्रतिशत कंपनियां अगले पांच साल में एडिशनल लोकल रिक्रूटमेंट की प्लानिंग कर रही है. इंडियन एफडीआई ने अमेरिका में आईटी एंड टेलीकॉम, मैन्युफैक्चरिंग, लाइफ साइंस और फार्मास्यूटिकल्स एंड हेल्थ जैसे विभिन्न सेक्टरों की 163 बड़ी कंपनियों में भारी भरकम धन राशि निवेश किया है.
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भारत पर इस मंदी का कितना असर
भारत की कंपनियों पर अमेरिकी बैंकिंग सेक्टर में आई इस मंदी को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों को भारी नुकसान हो सकता है. वहीं इस समय भारत की ये कंपनियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम मानी जा रही हैं. वहीं जानकार यह भी कहते हैं कि अमेरिका में मौजूद भारत की ये कंपनियां इस मंदी के बावजूद अमेरिका में ही बनी रहेंगी क्योंकि माना जा रहा है कि यह नुकसान लंबे वक्त तक नहीं रहने वाला है. जानकारो की मानें तो अमेरिका जल्द ही इस मंदी से निपट लेगा. इस कारण कंपनियां इसे लेकर फिलहाल बहुत चिंतित नहीं दिख रही हैं.