Loan Scheme For Startups: भारत सरकार ने देश में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं. एक अच्छी योजना स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम भी है, Pneucons के-को फाउंडर और CEO प्रीतेश लखानी ने इस बारे में अपना अनुभव शेयर किया.
उन्होंने स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम से सरकार से मिलने वाली सहायता के बारे में बताते हुए कहा, “हम एक B2B मार्केटप्लेस चलाते हैं, जो देशभर के इंजीनियरिंग उद्योगों के लिए है. हम एक एग्रीगेटर के रूप में काम करते हैं, जहां खरीदार और विक्रेता एक-दूसरे से सीधे सामान खरीद सकते हैं. हमें स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के बारे में जानकारी मिली, जो मोदी सरकार का एक इनीशिएटिव है.”
प्रीतेश लखानी ने बताया कि इस स्कीम के तहत स्टार्टअप्स को 50 लाख रुपये तक का ऋण 5% ब्याज दर पर मिलता है. इसके लिए स्टार्टअप्स को सरकारी वेबसाइट पर पंजीकरण करना होता है और यह बताना होता है कि वे कौन सी अनोखी समस्या हल कर रहे हैं या उनका व्यवसाय देश के हित में कैसे योगदान कर रहा है. पंजीकरण के बाद, स्टार्टअप्स को सरकारी इन्क्यूबेटर्स की सूची प्राप्त होती है, जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद करते हैं.
लखानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टार्टअप के प्रति दृष्टिकोण को भी सराहा और कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का स्टार्टअप विजन बहुत मजबूत है. यह स्टार्टअप्स के लिए एक मजबूत नींव रखता है, क्योंकि इससे हमें सरकार का समर्थन मिलता है. यह एक बहुत ही अच्छी स्कीम है.”
इस स्कीम से देशभर के स्टार्टअप्स को न केवल वित्तीय सहायता मिल रही है, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए एक ठोस आधार भी मिल रहा है.
1. स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत करें.
2. यह प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद अपने स्टार्टअप इंडिया अकाउंट को सीड फंड इंडिया से लिंक करें (सीड इंडिया वेबसाइट https://seedfund.startupindia.gov.in पर ये बताया गया है कि कैसे करना है)
3. फॉर्म भरें
4. आपको सूची में से 3 इनक्यूबेटर का चयन करना होगा (वेबसाइट पर ब्यौरा मिलेगा)
5. कम से कम आपका आवेदन स्वीकार करेगा.
6. स्क्रीनिंग और जानकारी के लिए इनक्यूबेटर से संपर्क करें
7. इनक्यूबेटर के पास आपके स्टार्टअप को 50 लाख में से कितना आवंटित किया जाएगा, ये तय करने का अंतिम अधिकार है.
हैक्स
इस योजना से मिले फंड के जरिए स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में वित्तीय मदद मिलती है, जिससे वे अपने उत्पाद या सेवाओं का विकास कर सकें और बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें.
ऋण की राशि: इस स्कीम के तहत स्टार्टअप्स को 50 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है, जो 5% ब्याज दर पर उपलब्ध होता है. यह राशि उन्हें अपने व्यापार को प्रारंभिक चरण में स्थापित करने में मदद करती है.
योग्यता: इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्टार्टअप्स को सरकार की निर्धारित प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करना होता है. उन्हें अपनी परियोजना के बारे में जानकारी देनी होती है और यह बताना होता है कि उनका उत्पाद या सेवा किस प्रकार से देश के व्यापार और विकास में योगदान करेगा.
पंजीकरण प्रक्रिया: इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए स्टार्टअप्स को सरकार की वेबसाइट पर पंजीकरण करना होता है. पंजीकरण के बाद, स्टार्टअप्स को सरकारी इन्क्यूबेटर्स की सूची प्राप्त होती है, जो उनकी सहायता करते हैं.
देश के हित में योगदान: स्टार्टअप्स को यह साबित करना होता है कि उनका व्यापार नवाचार और विकास में योगदान कर रहा है और इससे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
— भारत एक्सप्रेस
भारतीय सेना में कई ऐसी भर्तियां हैं, जहां उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा देने की जरूरत…
1984 बैच के आईपीएस अधिकारियों ने शुक्रवार को चंडीगढ़ गोल्फ क्लब में अपने रि-यूनियन होने…
भारतीय-अमेरिकी कारोबारी विनोद खोसला ने बीते 7 अगस्त को एक पोस्ट में शेख हसीना शासन…
Maharashtra Latest News: महाराष्ट्र के गोदिंया में एक बस सड़क पर बाइक सवार को बचाने…
ताजा पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023-24 के लिए देश में…
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि चुनाव के लिए किसी भी पार्टी के…