बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले कन्हैया कुमार जेएनयू प्रकरण के दौरान जेल जाने और जेल से बाहर आकर दिए गए अपने भाषण से देश की राजनीति में एक अलग पहचान बनाने में सफल रहे. हालांकि जेएनयू में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार की राजनीति में दिलचस्पी छात्र संघ चुनाव के समय से ही रही है. जेएनयू में हुई नारेबाजी में उनका नाम आने के बाद उन्हें लेकर तमाम तरह की राजनीति हुई, लेकिन देखा जाए तो विवादों से उनका नाता बहुत पुराना नहीं है.
कन्हैया कुमार का मुकाबला मनोज तिवारी से
37 साल की उम्र में कन्हैया एक बार फिर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से ताल ठोक चुके हैं. राजधानी दिल्ली की उत्तर पूर्व दिल्ली लोकसभा सीट से कन्हैया ने अपना पर्चा भर दिया है. वहीं भाजपा ने यहां से अपने मौजूदा सांसद मनोज तिवारी पर भरोसा जताते हुए उन्हें एक बार फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. कन्हैया द्वारा दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे से उनकी संपत्ति और शिक्षा को लेकर कई जानकारियां सामने आई हैं. वहीं इस बात की जानकारी भी मिली है कि उनके उपर अबतक कुल मिलाकर 7 मुकदमें दर्ज हैं. दिल्ली के मनोज तिवारी जो कन्हैया कुमार के सामने भाजपा के उम्मीदवार हैं, संपत्ति के मामले में दिल्ली के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं.
बिना कार के कन्हैया कुमार
चुनावी हलफनामे के अनुसार कन्हैया कुमार की चल संपत्ति 8.07 लाख रुपये की है. वहीं बात की जाए कांग्रेस के फायरब्रांड नेता के अचल संपत्ति की तो यह 2.65 लाख रुपये की है. कन्हैया कुमार के पास कोई भी चार पहिया वाहन नहीं हैं. यानी की उनके पास अपने नाम से कोई भी कार नहीं है. पिछली लोकसभा 2019 के चुनाव में उन्होंने कुल 5.57 लाख रुपये की संपत्ति का जिक्र अपने हलफनामें में किया था.
घटती रही कमाई तो सिर पर अपना छत भी नहीं
अगर कन्हैया की कमाई की बात करें तो साल 2018-19 में जहां कन्हैया की कुल कमाई 1.65 लाख रुपये थी, वहीं अगले साल 2019-20 में उनकी कमाई में गिरावट आई और यह महज 90 हजार रुपये रह गई. हालांकि अगले ही साल 2020-21 में कन्हैया कुमार की कमाई में फिर बड़ा उछाल आया और यह 1.95 लाख रुपये हो गई. लेकिन साल 2021-22 में 70 हजार रुपये तो 2022-23 में कन्हैया कुमार की कमाई 18 हजार रुपये मात्र रह गई.
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बात करें कन्हैया के पास जमीन की तो उनके नाम बिहार के मसनदपुर में एक गैर खेतीहर जमीन है. इस 85.08 वर्ग फीट की जमीन का वर्तमान बाजार मूल्य 2.65 लाख रुपये है. ब्याज और प्रकाशन से मिलने वाली रॉयल्टी ही उनकी आमदनी का मुख्य जरिया है. जेएनयू के अध्यक्ष रहे कन्हैया कुमार ने 2019 में वहीं से पीएचडी की डिग्री हासिल की है.
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