2020 दिल्ली दंगा से जुड़े मामले में आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन (Former AAP Councilor Tahir Hussain) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से राहत मिल गई है. दिल्ली हाईकोर्ट ने फरवरी 2020 में दर्ज एक एफआईआर को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन के खिलाफ पहले से दर्ज एक और एक ही घटना का जिक्र है. दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस एफआईआर को पहले से दर्ज एफआईआर में पूरक चार्जशीट के रूप में माना जाए.
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि ताहिर हुसैन के खिलाफ दर्ज पहली एफआईआर नंबर 101/2020 दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल द्वारा दो दिन पहले दर्ज किया गया था. जबकि दूसरी एफआईआर नंबर 116/2020 उसी स्थान से एक तेजस्वी की शिकायत पर दर्ज किया गया था. कोर्ट ने 26 नवंबर को कहा दोनों एफआईआर की जांच से पता चलता है कि दंगाइयों ने सबसे पहले प्रदीप पार्किंग के शटर तोड़े और वहां खड़े वाहनों में आग लगा दी, फिर वे संबंधित इमारत की पहली मंजिल पर गए, जहां विवाह समारोह के लिए भोजन तैयार किया जा रहा था.
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि दंगाइयों ने सामान में आग लगा दी और संबंधित इमारत की पहली मंजिल पर मौजूद वस्तुओं को नष्ट कर दिया. दोनों घटनाएं एक ही मामले का हिस्सा है और क्योंकि दोनों मामलों में पीड़ित अलग-अलग थे, इसलिए बाद में दर्ज प्राथमिकी को पूरी तरह से रद्द करना मामले में पीड़ितों के साथ अन्याय होगा. ताहिर हुसैन की याचिका में कहा गया है कि चूंकि घटना एक ही समय मे, एक ही इमारत में हुई है. एक घटना भूतल पर हुई है, जबकि दूसरी घटना एक ही लेन देन का हिस्सा है, इसलिए याचिकाकर्ता के खिलाफ दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती.
-भारत एक्सप्रेस
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