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अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामला: सुप्रीम कोर्ट ने मिशेल जेम्स की याचिका पर CBI से मांगा जवाब, 4 सप्ताह बाद होगी अगली सुनवाई

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिश्चयन मिशेल जेम्स की ओर से दायर जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जेम्स की यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती है कि उसे इस आधार पर जमानत पर रिहा किया जाए कि वह मामले में आधी सजा काट चुकी है.

Supreme Court of India

सुप्रीम कोर्ट.

अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला (AgustaWestland helicopter scam case) मामले में कथित आरोपी क्रिश्चयन मिशेल जेम्स की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट मिशेल की ओर से दायर जमानत याचिका पर 4 सप्ताह बाद अगली सुनवाई करेगा. दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई के मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ मिशेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने क्रिश्चयन मिशेल जेम्स की ओर से दायर जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि जेम्स की यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती है कि उसे इस आधार पर जमानत पर रिहा किया जाए कि वह मामले में आधी सजा काट चुकी है.

मिशेल को दुबई से किया गया था प्रत्यर्पित

जेम्स ने सीआरपीसी की धारा 436 ए के तहत जमानत मांगी थी, जिसमें कहा गया था कि किसी व्यक्ति को जमानत पर रिहा किया जा सकता है. यदि उसमें अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लिया है. मिशेल को 4 दिसंबर 2018 को दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और तब वह हिरासत में है. एक दशक से अधिक समय से इस मामले की जांच चल रही हैं. करीब 3600 करोड़ रुपये का यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरो की खरीद से संबंधित है.

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अदालत ने क्या कहा था?

बता दें कि निचली अदालत ने सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि समग्र तथ्यों और परिस्थितियों, आरोपों की गंभीर प्रकृति, अपराध की गंभीरता और आरोपी के आचरण को देखते हुए उसे नहीं लगता कि यह जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला है. सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में अपनी जमानत याचिका में मिशेल जेम्स ने कहा था कि जांच के लिए उसकी जरूरत नहीं है और उसने जांच में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की. मिशेल ने कहा था आरोपी ने कभी भी कानून की प्रक्रिया से बचने की कोशिश नहीं की और उसे आगे हिरासत में रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.

-भारत एक्सप्रेस



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