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Tahir Hussain

ताहिर हुसैन सुबह 6 से शाम 6 बजे तक जेल से बाहर रह सकेंगे, उसके बाद उन्हें जेल जाना होगा. इससे पहले उनकी अंतरिम जमानत की याचिका पर दो जजों की बेंच ने स्प्लिट वर्डिक्ट दिया था.

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच 28 जनवरी को ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. इससे पहले जस्टिस मिथल और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच में विभाजित फैसला आने के बाद मामला सीजेआई को भेजा गया था.

सुप्रीम कोर्ट AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की अंतरिम जमानत याचिका पर 22 जनवरी को सुनवाई करेगा. हुसैन के वकील ने चुनाव प्रचार के लिए जमानत की मांग की, जबकि दिल्ली पुलिस ने उसे समाज के लिए खतरा बताते हुए विरोध किया.

कोर्ट ने कहा है कि गंभीर अपराधों के आरोपी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए. यह टिप्पणी ताहिर हुसैन की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गई है, जो दिल्ली दंगों के आरोपी हैं.

दिल्ली दंगा मामले में साजिश रचने के आरोप में जेल में बंद ताहिर हुसैन को कड़कड़डूमा कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ कस्टडी पैरोल दिया, लेकिन अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को आगामी विधानसभा चुनाव में मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन पार्टी के सदस्य के रूप में नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए हिरासत पैरोल प्रदान कर दी.

Delhi Police की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि ताहिर हुसैन जेल में रहते हुए भी नामांकन दाखिल कर सकते है. ऐसे कई उदाहरण है, जहां जेल से नामांकन दाखिल किया गया है.

Tahir Hussain ने कहा है कि उसे अंतरिम जमानत दिया जाए जिससे वह चुनाव लड़ सके. याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस नीना बंसल कृष्णा के समक्ष आया, लेकिन समय की कमी के कारण उसपर सुनवाई नहीं हो सकी. अब मामले में 13 जनवरी को सुनवाई होगी.

ताहिर हुसैन ने आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में जमानत की मांग की है, जिसमें उन पर दिल्ली दंगा की साजिश रचने और दंगे भड़काने के आरोप हैं.

याचिका में कहा है कि उसे इसी अदालत ने 30 मार्च को जमानत देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद अब नौ महीने हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि उसका नाम प्राथमिकी में नहीं है. सह आरोपियों के बयान के आधार पर उसे आरोपी बनाया गया है.