आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद और दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के आरोप में गिरफ्तार विभव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. विभव कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा खारिज जमानत याचिका के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट विभव कुमार की ओर से दायर जमानत याचिका पर 26 जुलाई को सुनवाई कर सकता है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने विभव कुमार की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि आरोपी विभव कुमार प्रभावशाली व्यक्ति हैं. इसलिए जमानत पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है. गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है. मामले में अभी जांच चल रही है. लिहाजा इस स्टेज पर जमानत देना सही नहीं होगा. मामले की सुनवाई के दौरान स्वाति मालीवाल की ओर से पेश वकील ने कहा था कि एफआईआर दर्ज होने के कुछ दिन बाद 2 क्लिप जारी की गई थी और कमरे में कोई और नही था. एक क्लिप में वह पुलिस अधिकारी से किसी तरह की बहस करती हुई दिखाई दे रही है.
इसपर कोर्ट ने कहा था कि आप कैसे कह सकते है कि इसमें (क्लिप) छेड़छाड़ की गई? इसके जवाब में मालीवाल के वकील ने कहा, क्योंकि क्लिप में कुछ संकेत हैं, जो दिखाते हैं कि उन्हें बदल दिया गया है. एक दर्जन से अधिक पार्टी पदाधिकारी उनके समर्थन में सामने आए और शिकायतकर्ता को दोषी ठहराया. वकील ने स्वाति मालीवाल को भेजी जा रही धमकियों के बारे में दलीलें दी. कोर्ट ने कहा था कि अभी तक धमकियों का पता याचिकाकर्ता से नहीं लगाया जा सका है, हम समझते हैं कि इसकी जांच की जा रही है.
विभव के वकील ने कहा था कि गिरफ्तारी से पहले गिरफ्तारी की वजह आरोपी को नहीं बताया गया. बता दें कि विभव कुमार ने मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में विभव कुमार ने जमानत की मांग करते हुए कहा था कि मेरी गिरफ्तारी अवैध है. विभव ने कहा था कि मुझे जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया है. इसलिए जबरन कस्टडी में रखने के लिए मुआवजा दिया जाए.
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विभव कुमार के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 13 मई को मुख्यमंत्री केजरीवाल के सरकारी आवास पर मालीवाल पर हमला किया था. उन्हें 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले तीस हजारी कोर्ट ने विभव कुमार को 7 जून को जमानत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं. ऐसी आशंका है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं. विभव कुमार की पहली जमानत याचिका 27 मई को एक अन्य सत्र अदालत ने खारिज कर दी थी. उनके खिलाफ प्राथमिकी 16 मई को दर्ज की गई थी.
-भारत एक्सप्रेस
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