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अडानी फाउन्डेशन ने गौरीगंज के 10 शासकीय विद्यालय में बच्चों को शिक्षित करने के लिए बाला पेंटिग से संवारा

Adani Foundation: कहते हे कि जो बच्चे देखते है वो जल्दी सीखते है इसी को आधार मानकर अडानी फाउन्डेशन ने अमेठी जिले के गौरीगंज ब्लाक अर्न्तगत 10 शासकीय विद्यालय मे बच्चों को शिक्षित करने के लिए अनूठा तरीका अपनाकर बाला पेंटिग से सवॉरा गया है. टिकरिया पंचायत मे स्थित अडानी एसीसी सीमेंट प्लांट के तत्वाधान मे आसपास के कई वि़द्यालयो मे बाला पेटिंग के द्वारा बच्चो को शिक्षित करने के लिए यह अभिनव प्रयोग शुरू किया गया है जिसे क्षेत्र मे स्थित विभिन्न विद्यालयों मे दीवालों पर उलेरा गया है. पूरे विद्यालय की दीवारों पर एक सरसरी निगाह डाले तो सब दीवारे कुछ ना कुछ कहती नजर आयेगी.

इन विद्यालयों मे पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर इस पहल से एक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. पेंटिग की मदद से विद्यालय की पूरी तस्वीर बदल गयी है. इससे जहां स्कूल को सँवारने मे मदद मिली है वहीं पेंटिग से बच्चो को कई जानकारियॉ शिक्षकों के बताये बिना ही मिल जा रही है. दीवारों पर बने चित्र के माघ्यम से गणित विज्ञान और सामान्य ज्ञान की कई बातें एवं योग के बारे मे भी चित्रों के माध्यम से बच्चों को जानकारी मिल जाती है. इस प्रयास से बच्चो मे शिक्षा का रुझान बढा है. स्कूल के सौदर्यीकरण से बच्चो मे काफी उत्साह देखा जा रहा हैं. वे शिक्षा के प्रति प्रतिदिन अग्रसर हो रहे है.

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अडानी फाउंडेशन, अडानी समूह की सीएसआर, सस्टेनेबिलिटी और कम्युनिटी आउटरीच शाखा है. 1996 में स्थापित,फाउंडेशन अपने मिशन को ‘अच्छाई के साथ विकास’ के ग्रुप फिलोसोफी के साथ संरेखित करता है. फाउंडेशन वंचितों के लिए प्रतिबद्ध है और 16 राज्यों के 2,409 गांवों में लगातार काम कर रहा है. एक वर्ष में 3.7 मिलियन लोगों के जीवन का उत्थान करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ अदाणी फाउंडेशन- शिक्षा, स्वास्थ्य, सतत आजीविका विकास और सामुदायिक आधारभूत संरचना विकास के साथ संरेखित करते हुए चार प्रमुख क्षेत्रों में काम करता है.

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सतत विकास लक्ष्य (SDG)। समाज के समावेशी और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करते हुए, फाउंडेशन के माध्यम से समूह दीर्घकालिक व्यवहार परिवर्तन प्रक्रियाओं पर जोर देता है। सुपोषण, स्वच्छाग्रह, सक्षम और उड़ान, फाउंडेशन की विशेष परियोजनाएं हैं.

-भारत एक्सप्रेस

कृष्णा बाजपेई

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