आगरा के व्यापारियों पर रोजी-रोटी का संकट
आगरा – आगरा का ताजमहल यहां के व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बन गया है.वजह ये है कि ताजमहल की पांच सौ मीटर के दायरे में सुप्रीम कोर्ट ने व्यावसायिक गतिविधियां बंद करने का आदेश दिया था.इन हालात से परेशान व्यापारियों ने बैठक की है.ताजगंज में कारोबारियों के व्यवसाय बंद होने के आदेश से एक लाख लोग से ज्यादा प्रभावित हैं. इस संकट की घड़ी में 15 से 20 हजार परिवारों के लिये आफत आ गयी,बेचारे भूखे-प्यासे घूमने के लिये वेबस हो गये है. अगर बेरोजगारी बढ़ेगी तो अपराध भी बढ़ेगा.परेशान व्यापारियों ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग की है.
व्यापारियों ने एक बैठक के बाद मीडिया से बात की जिसमें आरोप लगाया गया कि उनके रोजगार उजाड़े जा रहे है. वह इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे. आगामी आंदोलन की गांधीवादी ढंग से रणनीति बनाई है. ADA ने ताजगंज के कारोबारियों के लिये 17 अक्टूबर तक का समय निर्धारित किया है. मंडलायुक्त भी समय बढ़ाने से इंकार कर चुके है.तब तक के लिए चरणबद्ध आंदोलन चलाया जायेगा. इस आंदोलन में ताजगंज के व्यापारी राष्ट्रपति से अपनी इच्छामृत्यु की मांग करेंगे.
आगे की रणनीति
व्यापारी 10 अक्तूबर को खद्दर भंडार चौराहे से होते हुए पुरानी मंडी तक कैंडिल मार्च निकालेंगे. 11 अक्तूबर को राष्ट्रपति के नाम 500 मीटर क्षेत्र में व्यावसाय करने वालों के पक्ष में डीएम से अपील की मांग करेंगे.12 अक्तूबर को सभी बाजार बंद करेंगे. 13 अक्तूबर को ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में काला झंडे लगाकर काला दिवस मनाया जाएगा. 14 अक्तूबर को मंडलायुक्त को ज्ञापन कमिश्नर से अपील की मांग करेंगे. 16 अक्तूबर को राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग के लिए ज्ञापन सौंपा जाएगा. 17 अक्तूबर को नोटिस की मियाद खत्म होने पर होगी बैठक. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण व्यापारियों ने ताजगंज डवलपमेंट फाउडेंशन के नाम से समिति बनाई है.