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Amritpal singh Arrest: 36 दिनों तक पुलिस से बचने के बाद भगोड़े अमृत पाल सिंह ने 23 अप्रैल की सुबह पंजाब के मोगा जिले के रोडे गांव में आत्मसमर्पण कर दिया. यह गांव खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले का पैतृक गांव है. अमृत पाल सिंह खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले (Jarnail Singh Bhindranwale) के अनुयायी होने का दावा करता हैं और अपने समर्थकों के बीच “भिंडरावाले 2.0” में रूप में जाना जाता हैं. अमृतपाल सिंह ने खुद को पुलिस के सामने सरेंडर करने से पहले जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर के सामने प्रवचन भी दिया.
गौरतलब है कि भिंडरावाले ने 1980 के दशक में सिखों के लिए प्रचार किया था. उन्होंने अलग देश खालिस्तान की मांग उठाई और पूरे पंजाब में हंगामा खड़ा कर दिया. ठीक उसी तरह पंजाब वारिस द का चीफ अमृतपाल सिंह भी सिर पर भारी पगड़ी पहनता हैं और भीड़ को भड़काने वाले भड़काऊ बयान देकर माहौल को अपने पक्ष में कर लेते हैं.
23 फरवरी को अमृत पाल सिंह के समर्थकों ने पंजाब के शहर अमृतसर में भारी हंगामा कर दिया था. अमृत पाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला थाने पर हमला किया. इस हमले में 6 पुलिस कर्मी घायल हो गए. अमृतपाल सिंह का कहना है कि हमारे एक साथी (लोकप्रीत तूफान) को पिछले हफ्ते पुलिस ने गिरफ्तार किया था, वह निर्दोष था. उसे प्रताड़ित किया जा रहा था. अमृत पाल सिंह ने धमकी दी थी कि अगर उनका नाम एफआईआर से नहीं हटाया गया तो वह थाने का घेराव कर देंगे. गौरतलब है कि पुलिस ने बाद में अमृत पाल सिंह के करीबी दोस्त को रिहा कर दिया था. हालांकि इसके बाद पुलिस ने एक्शन प्लान तैयार कर अमृत पाल सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी.
29 सितंबर 2022 को वारिस पंजाब द संगठन की पहली वर्षगांठ के मौके पर मोगा जिले के रोडे गांव में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम में अमृतपाल सिंह को संस्था प्रधान नियुक्त किया गया. इसका मकसद उसको सियासी तौर पर तैयार करना था. क्योंकि यह जरनैल सिंह भंडारांवाले का पैतृक गांव है. भिंडरावाले की तरह अमृत पाल सिंह भी नीले रंग की गोल पगड़ी पहनता हैं.
अमृतपाल सिंह अपने सफेद कपड़ों में एक छोटी सी कृपाण भी रखता हैं और भड़काऊ भाषण देता हैं, जो उन्हें कटारपंथी सिख युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय बनाता है. अमृत पाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जा रहा है, जहां उनके आठ साथी पहले से ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद हैं.
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