

सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने किए बाबा केदारनाथ के दर्शन सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए उत्तराखंड में केदारनाथ धाम पहुंचे. सेनाध्यक्ष ने यहां बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. भारतीय सेना के प्रमुख, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यहां मंदिर में बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना भी की.
समिति ने किया सेना अध्यक्ष का स्वागत
इससे पहले मंदिर परिसर में पहुंचने पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी से केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के विशिष्ट पुरोहितों ने भेंट की. इस दौरान बदरी-केदार मंदिर समिति ने सेनाध्यक्ष का स्वागत किया. जानकारी के मुताबिक सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी अपने परिवार संग बाबा केदार के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने करीब आधे घंटे का समय यहां ईश्वर की आराधना में बिताया. पूजा-अर्चना के उपरांत वे यहां मंदिर परिसर के बाहर कुछ देर तक रुके. उन्होंने यहां मंदिर से जुड़े लोगों से मुलाकात व बातचीत की.
गंगोत्री की स्वच्छता बरकरार रखने की पहल
बता दें इस वर्ष केदारनाथ धाम के कपाट बीते महीने मई में खोले गए थे. कपाट खुलने के बाद से लगातार बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम आ रहे हैं. वहीं भारतीय सेना व उसके पूर्व सैनिकों ने यहां हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में विशेष स्वच्छता अभियान भी पूरा किया है. भारतीय सेना ने गंगोत्री के आसपास की स्वच्छता बरकरार रखने के लिए एक अनूठी पहल की. इस पहल के जरिए सेना के जवानों व पूर्व सैनिकों ने गंगोत्री एवं उसके निकट हिमालयी क्षेत्र की पवित्रता बनाए रखने में अपना सहयोग दिया.
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भारतीय सेना का हिमालयी क्षेत्र में स्वच्छता अभियान
दरअसल भारतीय सेना के जवान और पूर्व सैनिक ने इस हिमालयी क्षेत्र में प्लास्टिक व अन्य कचरे को ढूंढकर उसे वहां से हटाने का काम किया है. यह कार्य हिमालयी क्षेत्रों की दुर्गम पहाड़ियों पर किया गया है. सेना की सेंट्रल कमान से यह पहल की गई. सेंट्रल कमान के मुताबिक ‘अतुल्य गंगा ट्रस्ट’, जो कि सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों की एक पहल है, यह वर्ष 2019 से गंगा नदी के सतत पुनर्जीवन के लिए कार्यरत है. इसके अंतर्गत 5 से 7 जून तक ‘प्लास्टिक उन्मूलन कार सेवा’ का आयोजन किया गया है. इस अभियान का उद्देश्य वनीकरण, प्रदूषण मानचित्रण (जिसमें माइक्रोप्लास्टिक की मात्रा का मापन भी शामिल है), और जन जागरूकता बढ़ाकर गंगा नदी को पुनर्जीवित करना था.
-भारत एक्सप्रेस
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