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“जितना यह देश PM मोदी और भागवत का है, उतना ही महमूद का, इस्लाम की पैदाइश है ये धरती”, मौलाना मदनी का बड़ा बयान

Jamiat Ulema Hind: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महाअधिवेशन की शुक्रवार से शुरुआत चुकी है. जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी (maulana madni) की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित रामलीला (Ramleela) मैदान में सम्मेलन आरंभ हुआ. इसमें जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने कई बड़ी बातें कहीं हैं. मदनी ने जो बड़ा बयान दिया है उसमें कहा है कि “यह मुल्क सबका है, जितना यह वतन पीएम मोदी का है, भागवत का है, उतना ही यह मुल्क महमूद मदनी का भी है”. उन्होंने आगे कहा कि आज का दौर वसूल और हिफाजत की जंग लादने का दौर है.

मदनी ने पीएम मोदी और भागवत को निशाने पर लेते हुए कहा कि “महमूद इनसे एक इंच आगे ही है. इस्लाम की पैदाइश है. ये धरती इस्लाम की है. ये बोलना की इस्लाम बाहर से आया है, ये गलत होगा. इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना धर्म है”. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने देश में हेट कैंपेन और इस्लामोफोबिया में कथित बढ़ोतरी सहित कई प्रस्तावों को पारित किया है.

‘आज हमारे देश में नफरत का माहौल है’

महमूद मदनी ने भाषण के दौरान कहा कि “आज हमारा देश में नफरत का माहौल है. ये अदालतें भी हुकूमतों के दवाब में फैसले देती हैं.  बेबुनियाद प्रोपेगेंडा फैलाने का काम तेजी से किया जा रहा है. उन्हें आजाद छोड़ा जा रहा है जिन्हें देश के लिए हम खतरा समझते हैं. आज का दौर वसूल और हिफाजत के लिए जंग लड़ने का दौर है. मदनी ने कहा कि आज हर तरह की आवाजें उठने लगी हैं”.

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‘यह धरती इस्लाम की पैदाइश है’

महमूद मदनी (Mahmood Madani) ने कहा कि इस धरती की खासियत यह है कि यह खुदा के सबसे पहले पैगंबर की सरजमीं है. यह धरती इस्लाम की पैदाइश है. यह मुसलमानों का पहला वतन है, इसलिए यह कहना, यह समझना, यह बोलना कि इस्लाम बाहर से आया हुआ मजहब है, यह सरासत गलत है, यह पूरी तरह से बेबुनियाद है. इस्लाम मुल्क का सारे धर्मों में सबसे पुराना मजहब है. इसलिए मैं वादा करता हूं भारत हिंदी मुसलमानों के लिए और बाकी देशों से सबसे अच्छी जगह है.

कई प्रस्ताव हुए पारित

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महाअधिवेशन में संगठन ने कई खास प्रस्ताव पारित किए हैं. जिसमें देश में बढ़ते नफरती अभियान और इस्लामोफोबिया की रोकथाम पर विचार करने की बात कही गई. इस बारे में बताया गया कि देश में इस्लामोफोबिया और मुसलमानों के विरुद्ध नफरत और उकसावे की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. सबसे दुखद बात यह है कि यह सब सरकार की आंखों के सामने हो रहा है.

– भारत एक्सप्रेस

 

Rahul Singh

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