बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज (फाइल फोटो)
देश के पांच राज्यों में इस के आखिर में चुनाव होने वाले हैं. जिसको लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. बीजेपी इन राज्यों को फतह करने के लिए पूरी तरह से एक्शन मोड में आ चुकी है. इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय चुनाव समिति की एक बड़ी बैठक बुलाई गई है. जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह के अलावा चुनाव समिति के अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे.
केंद्रीय चुनाव समिति की होगी बैठक
बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति हमेशा से इस बैठक का आयोजन चुनाव की तारीखों के ऐलान होने के बाद करती थी, लेकिन इस बार तारीखों की घोषणा से पहले ही बैठक बुलाई गई है. बैठक में पीएम मोदी पदाधिकारियों के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे और जीत का मंत्र देंगे. जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं उनमें दो राज्यों में कांग्रेस सत्ता पर काबिज है, जबकि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है. मध्य प्रदेश में इस बार एंटी इन्कमबेंसी की हवा चल रही है, लिहाजा भाजपा कोई भी गलती नहीं करना चाहती है. इसलिए पहले से ही कील-कांटों को दुरुस्त करने में जुटी हुई है. ऐसा इसलिए भी बीजेपी कर रही है क्योंकि कर्नाटक में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. जिसे अब दोहराना नहीं चाहती है.
कर्नाटक वाली गलती अब भाजपा नहीं करेगी
बीजेपी इस बैठक में रणनीति पर मंथन करने के साथ ही कांग्रेस के चुनावी वादों को लेकर भी चर्चा कर सकती है. कांग्रेस ने जिस तरह से कर्नाटक में किए गए वादों से बाजी मारी थी, वैसा मौका बीजेपी अब दोबारा नहीं देना चाहती है. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उन राज्यों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा, जहां पर भाजपा कांग्रेस के सामने कमजोर है या फिर क्षेत्रीय दलल हावी हैं.
I.N.D.I.A से आसान नहीं होगी NDA की लड़ाई
दूसरी तरफ I.N.D.I.A गठबंधन बनने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए के लिए इन पांच राज्यों में जीत का परचम लहराना आसान नहीं होगा. गठबंधन से कांग्रेस का कद भी कहीं न कहीं बढ़ गया है. पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है. ऐसे में जो नतीजे आएंगे वे अगले साल होने वाले आम चुनावों पर काफी प्रभाव डालेंगे. गौरतलब है पांच राज्यों में इसी साल चुनाव होने हैं. जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, मिजोरम तेलंगाना और छत्तीसगढ़ शामिल हैं. जिसमें से तीन राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकार है.
-भारत एक्सप्रेस
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