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Supreme Court: प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन सवालों के घेरे में हैं. सरकार से भी लगातार इस मामले में सवाल पूछे जा रहे हैं. वहीं अब इन दोनों की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. इस हत्याकांड के एक दिन बाद रविवार (16 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर हत्या की पूर्व जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. इसके अलावा अधिवक्ता विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में 2017 के बाद से प्रदेश में हुए सभी एनकाउंटर की जांच कराने की मांग है.
माफिया अतीक अहमद अपनी हत्या को लेकर पहले ही आशंका जता चुका था. इस बीच प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के सामने अतीक अहमद पत्रकारों के सामने बयान दे रहा था. इस दौरान वहां अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई और इस शूटआउट में मौके पर ही अतीक और उसके भाई अशरफ की मौत हो गई. ये पूरा हत्याकांड कैमरे में कैद हो गया . हमलावर पत्रकार के भेष में आए थे.
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में 6 सालों में 183 कथित अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया है. इसमें माफिया अतीक के बेटा असद और उसके साथ भी शामिल हैं. वकील विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में अतीक और अशरफ की हत्याओं की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के गठन का अनुरोध किया गया है.
प्रयागराज में मेडिकल कॉलेज के सामने माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों हत्यारों को रविवार शाम 16 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने तीनों शूटर अरुण मौर्य, सनी सिंह और लवलेश तिवारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. हालांकि पुलिस ने तीनों की कोर्ट से रिमांड भी मांगी थी. इन तीनों हमलावरों को पुलिस ने घटना स्थल पर ही गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस को मौके से इनके पास से विदेशी और महंगे हथियार मिले हैं.
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