सुप्रीम कोर्ट (SC) ने कानपुर के बिकरू कांड (Bikru Kand) में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे (Khushi Dubey) को शर्तों के साथ जमानत दे दी है. खुशी दुबे को सप्ताह में एक दिन थाने में हाजरी लगानी होगी. इस दौरान यूपी सरकार ने जमानत का विरोध किया. सरकार ने कहा कि इनपर पुलिस पर फायरिंग के लिए उकसाने का गंभीर आरोप है, साथ ही जेल में उन्होंने दूसरे कैदियों के साथ बहुत झगड़े किए है.
बिकरु कांड (Bikru Kand) 2 जुलाई को हुआ था, महज कुछ ही दिन पहले 29 जून 2020 को खुशी दुबे (Khushi Dubey) ने अमर दुबे से शादी की थी. यानी शादी के तीन दिन बाद ही बिकरू कांड को अंजाम दिया गया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस वारदात में खुशी दुबे को भी आरोपी बनाया था, क्योंकि पुलिस ने उसके खिलाफ फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज किया था. इस दौरान पता चला कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर खुशी उस समय नाबालिग थी.
Supreme Court grants regular bail to Khushi Dubey, widow of Amar Dubey, an aide and relative of the slain gangster Vikas Dubey.
Khushi Dubey challenged the Allahabad High Court order denying her bail in the case in which 8 police officers were killed in UP's Kanpur.
— ANI (@ANI) January 4, 2023
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खुशी दुबे समेत तीन लोगों को मिल चुकी है जमानत
बदा दें कि साल 2020 में 2 जुलाई को कानपुर जिले के चौबेपुर थाना इलाके के बिकरू (Bikru Kand) गांव में गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) और उसके साथियों को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर घात लगाए आरोपियों ने हमला कर दिया था. इस वारदात में आरोपी अमर दुबे (Amar Dubey) की नवविवाहिता पत्नी खुशी दुबे को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. खुशी 30 महीने बाद जेल से बाहर आएंगी. इस केस में खुशी दुबे को लेकर तीन लोगों को जमानत मिल चुकी है.
अमर दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में किया था ढ़ेर
गौरतलब है कि वारदात के छह दिन बाद 8 जुलाई 2020 को यूपी के हमीरपुर जिले में यूपी एसटीएफ (UP STF) और स्थानीय पुलिस (Police) ने एनकाउंटर में विकास दुबे गैंग के शातिर अपराधी अमर दुबे को मार गिराया था. अमर दुबे 25 हजार का इनामी था. विकास दुबे के हथियार खरीद-फरोख्त में भी इसकी भूमिका रहती थी.
-भारत एक्सप्रेस
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