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2010 के पथराव और पुलिस संपत्ति को नष्ट करने के मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक सहित सभी छह अन्य को कोर्ट ने किया बरी

कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद खान सहित सभी छह अन्य को राऊज एवेन्यू कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने 2010 के पथराव और पुलिस संपत्ति को नष्ट करने के मामले में सभी को बरी कर दिया है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तान्या बामनियाल ने कहा गवाह फैजल हाशमी जिस पर अभियोजन पक्ष आरोपी व्यक्तियों की पहचान और घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी साबित करने के लिए बहुत अधिक निर्भर है, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता. अदालत ने कहा अभियोजन पक्ष के उक्त गवाह ने अदालत में अपनी जांच के दौरान अभियोजन पक्ष के मामले का बिल्कुल भी समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा कि मामले में मुख्य गवाह अपने बयान से पलट गया है.

अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस के किसी भी गवाह ने यह गवाही नहीं दी कि फैजल हाशमी घटना की कथित तारीख पर पुलिस स्टेशन में मौजूद था. अदालत ने कहा इस प्रकार एक गवाह के लिए यह संभव नहीं है कि वह घटनास्थल पर मौजूद न हो और न ही उसने कथित घटना को देखा हो, वह उन आरोपियों के नाम बता सके जो कथित अपराध के दौरान कथित तौर पर मौजूद थे.

अदालत ने की पुलिस की खिंचाई

अदालत ने चार्जशीट दाखिल करने में 12 साल की देरी के लिए पुलिस की खिंचाई करते हुए कहा कि 2021 में ही जांच अधिकारी गहरी नींद से जागे और आरोपियों की पहचान और मौजूदगी के बारे में सबूत इकट्ठा करने के लिए जांच शुरू की. अदालत ने यह भी कहा कि जांच के दौरान आसिफ मोहम्मद खान और उनके समर्थकों द्वारा कथित तौर पर ले जाए गए किसी भी डंडे या लाठी को जब्त नहीं किया गया.

खान पर दंगा भड़काने के आरोप

खान पर गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने, घातक हथियार के साथ दंगा करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के आरोप लगाए गए थे. इस मामले में एफआईआर 15 मार्च, 2010 को सब-इंस्पेक्टर जीतेंद्र सिंह की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया था कि खान 150 समर्थकों के साथ जामिया नगर पुलिस स्टेशन आए और 14 मार्च को रात करीब 10.45 बजे तत्कालीन कांग्रेस के राज्यसभा सांसद परवेज हाशमी के खिलाफ नारे लगाने लगे.

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एसआई सिंह के अनुसार परवेज हाशमी अपने कुछ समर्थकों के साथ रात करीब 11:20 बजे पुलिस स्टेशन आए और उन्हें देखते ही खान के समर्थकों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए. अदालत ने खान के अलावा वहाब, सिराज, अकील अहमद, जावेद निसार खान, मुकरम आगा उर्फ मिक्की और नवाब अहमद को बरी कर दिया.

-भारत एक्सप्रेस

गोपाल कृष्ण

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