केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार (4 दिसंबर) को दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में साइबर धोखाधड़ी से जुड़े एक बड़े मामले की जांच के तहत 10 स्थानों पर छापेमारी की. यह मामला 117 करोड़ रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसे ट्रांसनेशनल साइबर धोखाधड़ी के रूप में अंजाम दिया गया.
CBI ने इस मामले को भारतीय दंड संहिता की धारा 403 और 420 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66D के तहत दर्ज किया है. यह मामला गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) से प्राप्त शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अज्ञात संगठित साइबर अपराधी और संदिग्ध विदेशी तत्व पूरे भारत में वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं.
जांच में पाया गया कि विदेशों में सक्रिय धोखेबाज डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे वेबसाइट्स, वॉट्सऐप और टेलीग्राम के माध्यम से भारतीय पीड़ितों को निशाना बना रहे हैं. ये धोखेबाज पार्ट-टाइम नौकरी के झांसे, टास्क आधारित धोखाधड़ी और प्रारंभिक निवेश पर उच्च रिटर्न के वादे से लोगों को फंसाते हैं. पीड़ितों द्वारा जमा किए गए धन को ‘म्यूल अकाउंट्स’ के नेटवर्क के माध्यम से जल्दी से ट्रांसफर किया जाता है और इनकी असली पहचान छिपाने के लिए लेयरिंग की जाती है. बाद में यह धन विदेशों में एटीएम से निकाला जाता है या फिनटेक प्लेटफॉर्म जैसे ‘Pyypl’ पर वॉलेट टॉप-अप के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर 1 जनवरी 2023 से 17 अक्टूबर 2023 के बीच दर्ज 3,903 शिकायतों के विश्लेषण से पता चला कि धोखेबाजों ने लगभग 117 करोड़ रुपये की रकम हड़प ली. यह धन मुख्य रूप से दुबई और अन्य यूएई स्थानों से निकाला गया. जांच में 3,295 भारतीय बैंक खातों की पहचान की गई है, जिनका उपयोग इन धोखाधड़ी वाले लेन-देन के लिए किया गया था. यह धनराशि क्रिप्टोकरेंसी की खरीद के लिए भी इस्तेमाल की गई.
बुधवार को हुई छापेमारी में 10 संदिग्धों के ठिकानों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और वित्तीय रिकॉर्ड जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य जब्त किए गए हैं. CBI अब इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की पहचान करने और पूरे अवैध धन के प्रवाह को ट्रेस करने में जुटी है.
CBI ने नागरिकों से अपील की है कि वे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दिए गए किसी भी ऐसे प्रस्ताव से सतर्क रहें, जो त्वरित कमाई या आकर्षक निवेश का वादा करते हैं. किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को रिपोर्ट करें.
-भारत एक्सप्रेस
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