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सीबीआई ने 20 दिसंबर 2024 को एक अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर फ्रॉड मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 260 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी. आरोपियों ने क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का इस्तेमाल करके विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी की.

यह मामला गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र से प्राप्त शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अज्ञात संगठित साइबर अपराधी और संदिग्ध विदेशी तत्व पूरे भारत में वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब तक 9.94 लाख से अधिक शिकायतों में 3,431 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय राशि बचाई गई है.

गृह मंत्रालय के 14सी विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क किया है. एमएचए का 14सी विंग डिजिटल अरेस्ट पर केस-टू-केस मॉनिटर करेगा.

Cyber Fraud System: बढ़ते खतरे के मद्देनजर दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के साथ मिलकर एक उन्नत प्रणाली शुरू की है.

साइबर ठगों ने फ्रॉड का एक नया तरीका खोजा है. डिजिटल अरेस्ट में पार्सल या कोरियर में ड्रग्स, बैंक खाते में गलत ट्रांजेक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप जैसे ठगी के तरीके बहुत अपनाए जाते हैं.

New Cyber Fraud: अगर आप भी मेट्रो कार्ड को अपने पास रखते हैं तो सावधान होने की जरूरत है. ठग आपको लाइन से धक्का देकर आपके कार्ड को एक खास डिवाइस के पास ले जाते हैं और फिर स्कैम करते हैं.

गूगल के ऐलान से कुछ जीमेल यूज़र्स को बड़ा झटका लगने वाला है. क्योंकि आपका Google अकाउंट हमेशा के लिए बैन हो सकता है. कुछ समय के लिए सस्पेंड हो सकता है.

एनआईए जांच से पता चला है कि आरोपी एक संगठित तस्करी सिंडिकेट में शामिल थे, जो कानूनी रोजगार के झूठे वादे पर भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशों में तस्करी करने में लगे हुए थे।

दूरसंचार विभाग (DoT) ने दूरसंचार ऑपरेटरों को साइबर अपराधों से कथित संबंध के लिए 28,200 मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक करने का आदेश दिया है.