दिल्ली हाईकोर्ट ने डीडीए को निर्देश दिया कि वह शाहदरा की एक भूखंड पर रामलीला आयोजित करने को लेकर दाखिल आवेदन पर विचार करे. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने डीडीए से इसपर एक सप्ताह फैसला लेने को कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया है. शहादरा का उक्त भूखंड अदालत के कर्मचारियों के आवास के लिए दिल्ली सरकार के विधि विभाग को आवंटित किया गया है.
पीठ ने पाया कि आवेदक ने भूखंड पर दस दिनों के लिए रामलीला आयोजित करने की अनुमति मांगी है. साथ ही आवास बनाए जाने के दीर्घकालिक योजनाओं को प्रभावित नहीं करने का वचन दिया है. इसके अवाला रामलीला के लिए भूमि आवंटित करने को लेकर डीडीए के पास एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी है.
पीठ ने फिर भूखंड पर रामलीला आयोजित करने को लेकर डीडीए से निर्णय लेने को कहा. उसने डीडीए से कहा कि अगर वह उक्त भूखंड पर रामलीला आयोजित करने की अनुमति देता है तो वह आवंटन पत्र में निर्दिष्ट करे कि आवंटन एक विशिष्ट उद्देश्य और सीमित समय सीमा के लिए है. यह कर्मचारियों के आवास की दीर्घकालिक योजनाओं को प्रभावित नहीं करेगा.
आवेदक ने उक्त भूखंड पर रामलीला आयोजित करने के लिए डीडीए को आवेदन किया था. डीडीए ने उसे 8 अगस्त को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि यह भूखंड कर्मचारियों के आवास के लिए है जिसे सरकार के विधि विभाग को दिया गया है.
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-भारत एक्सप्रेस
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