देश

Delhi: द्वारका पुलिस की हैरान कर देने वाली अनोखी तफ्तीश! शिकायतकर्ता पर कार्रवाई आरोपी को अभयदान!

दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार को खबरें आम बात हो गई है, मगर ऐसे किसी मामले में शिकायत करने वाले और उसके मददगार पर की गई कार्रवाई का शायद यह पहला मामला होगा. मामला इतना दिलचस्प है कि हर कोई द्वारका पुलिस की कार्रवाई से हैरान है.

सूत्रों के अनुसार, मामला द्वारका पुलिस के डाबरी थाने से जुड़ा है. यह तैनात थानाध्यक्ष ने एक सहायक पुलिस आयुक्त की नाजायज मांगों और कार्यशैली की पूरी कहानी के साथ एक शिकायत तैयार कर डाली. मगर समस्या यह थी कि शिकायत आला अफसरों तक पहुंचाए कैसे? इसके बाद उन्होंने जो तरीका अपनाया वह अफसरों को इतना नागवार लगा कि थानाध्यक्ष को ही जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया.

यह है पूरा किस्सा

जानकारी के अनुसार, द्वारका जिले के पुलिस उपायुक्त कार्यालय में तैनात एक सहायक आयुक्त के खिलाफ शिकायत पहुंची थी, जिसमें उसके कामकाज और भ्रष्टाचार से जुड़ीं बातें बेहद बारीकी से लिखी हुई थीं. शिकायत पढ़कर आला अफसरों को समझ आ गया कि इसके पीछे निश्चित तौर पर महकमे का ही कोई आदमी है. बस फिर क्या था शिकायत पर कार्रवाई करने की जगह इसे करने वाले की तलाश का फैसला किया गया. सूत्रों की मानें तो इसके लिए स्पेशल स्टाफ सहित अन्य कर्मचारियों को तुरंत काम पर लगा दिया गया.

डाक घर से हुई शुरुआत

बताया जाता है कि शिकायतकर्ता का पता लगाने के लिए शुरू जांच में शिकायत लिफाफे पर लगी डाकघर की मुहर और पोस्ट के समय को देखा गया, जिसके बाद डाकघर पहुंची पुलिस टीम ने पोस्ट के समय की सीसीटीवी फुटेज खंगाली और पोस्ट करने वाले व्यक्ति की पहचान करके उसके वाहन का नंबर ढूंढ लिया गया.


ये भी पढ़ें: आर्मी व एयरफोर्स को मिलेंगे 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, पाकिस्तान व चीन से लगी भारतीय सीमाओं की करेगा निगरानी


फिर टीम शिकायत पोस्ट करने वाले तक पहुंच गई. पूछताछ के दौरान उस व्यक्ति ने बता दिया कि शिकायती खत उसे डाबरी थाने के चिट्ठा मुंशी ने दिया था. चिट्ठा मुंशी ने अफसरों के गरम मिजाज को पहचानते हुए तुरंत ही बता दिया कि खत उसे थानाध्यक्ष ने पोस्ट कराने के लिए दिया था.

चिट्ठा मुंशी को किया निलंबित

पूरे मामले की हकीकत साफ होने के बाद मामले में लगे आरोपों की जांच के बजाय आरोप लगाने वाला थानाध्यक्ष अफसरों का पहला शिकार बन गया. सूत्रों के अनुसार, महकमे में चल रहे गोरखधंधे की शिकायत करने वाले थानाध्यक्ष को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया. इतना ही नहीं थानाध्यक्ष के हुक्म का पालन करने वाले चिट्ठा मुंशी को तो निलंबित ही कर दिया गया.

आरोपी ACP पर कोई कार्रवाई नहीं!

जिस तत्परता से द्वारका पुलिस ने भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले की पहचान करके उसके खिलाफ कार्रवाई की है, उस तरह आरोपी सहायक पुलिस आयुक्त के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस मामले में जब जिला पुलिस उपायुक्त का काम देख रहे अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त निशांत गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने इस घटनाक्रम का खंडन या पुष्टि करने की जगह यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. जानकारी जुटाकर ही कुछ बता पाएंगे.

-भारत एक्सप्रेस

सुबोध जैन

Recent Posts

दिल्ली हाईकोर्ट ने RSS सदस्य शांतनु सिन्हा पर दर्ज मानहानि के मामले में BJP नेता अमित मालवीय को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

RSS सदस्य शांतनु सिन्हा द्वारा अमित मालवीय के खिलाफ ‘बंगाली’ में एक फेसबुक पोस्ट किया…

4 hours ago

अफगानिस्तान में महिलाएं क्यों नारकीय जीवन जीने के लिए अभिशप्त हैं?

महिलाओं के खिलाफ घिनौने कृत्य अनंत काल से होते आ रहे हैं और ये आज…

4 hours ago

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के आसपास के क्षेत्रों से अवैध गतिविधियों को हटाने का दिया निर्देश

पीठ चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा है,…

4 hours ago

PM Modi’s Gifts: Global Diplomacy में भारत की सांस्कृतिक धरोहर की झलक, राज्यों से भेजे गए ये उपहार

देश के विभिन्‍न राज्‍यों में तैयार किए गए गिफ्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं…

6 hours ago

जब एक हाथी को भीड़ के सामने दे दी गई थी फांसी, अमेरिका का ये काला इतिहास आपको झकझोर देगा

एक बेघर व्यक्ति को मारने के बदले में भीड़ ने तय किया कि हाथिनी मैरी…

7 hours ago