दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार (14 मार्च) को शराब नीति मामले में 8 समनों का पालन नहीं करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर शिकायत में उन्हें तलब करने के मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए एक सत्र अदालत का रुख किया है.
पिछले गुरुवार (7 मार्च) को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) दिव्या मल्होत्रा ने केजरीवाल को 16 मार्च को उसके सामने पेश होने के लिए कहा था, जब ED ने शिकायत दर्ज की थी कि वह दिल्ली शराब नीति मामले में एजेंसी द्वारा जारी किए गए समन के बाद उसके सामने पेश नहीं हुए थे.
ED ने पिछले बुधवार को दूसरी बार दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट का रुख किया था और कथित तौर पर समन का पालन नहीं करने के लिए केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी.
ED इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ अब तक आठ समन जारी कर चुकी है. ED द्वारा 26 फरवरी, 19 फरवरी, 2 फरवरी, 18 जनवरी, 3 जनवरी, 2 नवंबर 2023 और 22 दिसंबर 2023 को 8 समन जारी होने के बावजूद केजरीवाल ने इन पर कोई भी अमल नहीं किया था.
8वें समन के जवाब में अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में ED को पत्र लिखकर कहा था कि वह केंद्रीय एजेंसी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं. 12 मार्च के बाद की तारीख मांगते हुए उन्होंने कहा था कि वह वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सवालों का जवाब देंगे.
12 मार्च को केजरीवाल वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश हुए, उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव और बजट सत्र के कारण शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके.
इससे पहले बीते 3 फरवरी को केजरीवाल द्वारा 5वीं बार समन जारी नहीं किए जाने के बाद ED ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 50 के तहत जारी एजेंसी के समन का पालन नहीं करने और जांच में शामिल नहीं होने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 190 और 200 के तहत अदालत में शिकायत दर्ज की थी. इसके बाद अदालत ने केजरीवाल को 17 फरवरी को उसके सामने पेश होने को कहा था.
इससे पहले ईडी ने एक आवेदन में केजरीवाल पर जांच में ‘सहयोग ने करने का आरोप’ लगाया था. एजेंसी ने कहा था, ‘चाहे वह एक सामान्य व्यक्ति हो या एक मुख्यमंत्री, हर किसी के पास हमेशा कोई न कोई काम होता है, लेकिन समन भेजे जाने पर, ऐसा व्यक्ति कानूनी रूप से उपस्थित होने के लिए बाध्य होगा; केवल मुख्यमंत्री होने और किसी काम में व्यस्त होने के बहाने समन की अवहेलना करने की कोई विशेष छूट नहीं है.’
-भारत एक्सप्रेस
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