देश

Deoria News: घूस मांगने वाले फर्जी अर्दली को जिलाधिकारी ने पकड़ किया पुलिस के हवाले, जानें कैसे खुली पोल

Deoria News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जिलाधिकारी (DM) ने संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान फर्जी अर्दली को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है. वह काफी वक्त से बरहज तहसीलदार का अर्दली बनकर सरकारी काम कर रहा था और लगातार सरकारी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था. बीते दिनों तहसील दिवस में एक व्यक्ति ने अर्दली द्वारा 10 हजार की रिश्वत मांगने की शिकायत की थी. इस पर जिलाधिकारी ने अर्दली को पूछताछ के लिए बुलाया और उससे घूस लेने की बात पूछी को उसने इंकार कर दिया लेकिन इसके बाद जैसे ही डीएम ने उसकी नियुक्ति से लेकर अन्य सवाल दागे वह हक्का-बक्का रह गया और जवाब नहीं दे पाया. इसी के साथ बताया कि, वह अर्दली नहीं बल्कि प्राइवेट व्यक्ति है.

कैसे पकड़ा गया अर्दली?

बता दें कि, अर्दली शासन सत्ता का प्रतीक माना जाता है, जो मजिस्ट्रेट व मंत्री के पीछे खड़ा रहता है और सफेद कपड़े और टोपी पहने रहता है. सरकार के हर कार्य उसकी नजर के सामने से होकर गुजरते हैं. उसे तमाम सरकारी गतिविधियों की भी जानकारी रहती है. ऐसे में फर्जी अर्दली का काफी वक्त से तहसीलदार के साथ काम करते रहना एक बड़ा सवाल खड़ा सकता है. हालांकि इस अर्दली को पकड़कर जिलाधिकारी ने पुलिस के हवाले कर दिया है. इसी के साथ ही बरहज के SDM और तहसीलदार से इस मामले में स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. डीएम के एक्शन के बाद मीटिंग के बीच हड़कंप मच गया.

ये भी पढ़ें-Lok Sabha Election 2024: ‘कांग्रेस से बन गई सपा की बात’, वाराणसी से प्रत्याशी वापस लेंगे अखिलेश, आज शाम 5 बजे होगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

जानें क्या है पूरा मामला

मीडिया सूत्रों के मुताबिक, बीते मंगलवार को देवरिया के बरहज तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया था. इस मौके पर जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह और SP संकल्प शर्मा फरियादियों की समस्या सुन कर उसे निपटा रहे थे. इतने में ही बरहज नगर पालिका क्षेत्र के नंदना वार्ड (पूर्वी) के रहने वाले रामायण प्रसाद आए और जिलाधिकारी से शिकायत करते हुए बताया कि, धारा-34 के निपटारे के लिये वह कई बार तहसील दिवस पर प्रतिवेदन दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही.

ऊपर से समस्या के समाधान के लिए तहसीलदार के अर्दली राजेश कुमार ने उनसे 10 हजार रुपये की मांग की. शिकायत सुनने के तुरंत बाद ही जिलाधिकारी नाराज हो गए और उन्होंने तुरंत अर्दली को बुलाया औऱ उससे घूस लेने की बात पूछी. इस पर उसने साफ इंकार कर दिया, लेकिन जब जिलाधिकारी ने कहा कि उसकी नियुक्ति कब हुई थी और किसने की थी तो उसने बताया कि वह प्राइवेट व्यक्ति है और उससे गैरकानूनी ढंग से अर्दली का काम लिया जा रहा है. इस पर जिलाधिकारी ने तथाकथित अर्दली पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए और पुलिस के हवाले कर दिया. इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने SDM बरहज अवधेश निगम और तहसीलदार अरुण कुमार से भी स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि, प्राइवेट आदमी से क्यों अर्दली का काम लिया जा रहा था.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

Jharkhand Election से पहले CBI ने बढ़ाई हेमंत सोरेन की मुसीबत! CM के करीबी के 17 ठिकानों पर रेड में मिले 1 किलो सोना और 50 लाख

झारखंड के साहिबगंज में 1,250 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के अवैध पत्थर उत्खनन से…

38 mins ago

जानिए कितनी मिलती है अमेरिका के राष्ट्रपति को सैलेरी और क्या क्या मिलती हैं सुविधाएं

अमेरिका के राष्ट्रपति को सालाना 400,000 डॉलर का वेतन मिलता है, जो लगभग 3.36 करोड़…

39 mins ago

US Presidential Elections: Trump या Kamla Harris… किसके आने से भारत की Economy को होगा फायदा?

अमेरिका दुनिया की आर्थिक महाशक्ति है उसके राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे से हर देश की…

1 hour ago

टीम इंडिया को अपनी Spin बॉलिंग से नचाने वाला ये गेंदबाज ICC Player Of The Month अवार्ड के लिए हुआ नामित

अमेलिया केर, डिएंड्रा डॉटिन और लॉरा वोल्वार्ट अक्टूबर के लिए आईसीसी  प्लेयर ऑफ द मंथ…

2 hours ago