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Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के जाति वर्ण वाले बयान पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास (Mahant Raju Das) और स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उनके इस बयान पर सवाल उठाए हैं. महंत राजू ने कहा कि वो उनके विचारों से सहमत नहीं है, समाज को बांटने की साजिश न करें. तो वहीं अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि वह भागवत किस आधार पर यह बयान दे रहे थे, यह तो उनसे बात करके ही पता चलेगा. गीता में खुद भगवान कृष्ण ने जिक्र किया है कि वर्ण उन्होंने बनाए हैं.
महंत राजू दास ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि,”हमारे यहां कर्म का विधान है. कर्म के अनुसार उन्हें जाति की उपाधि दी जाती है. इसके नाते हम उनकी इस बात का खंडन करते हैं और इनकी बात का पुरजोर विरोध और निंदा करते हैं. समाज को बांटने की कोई साजिश न करे. यह सनातन संस्कृति वाला देश है. हम सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामय विश्व बंधुत के साथ काम करेंगे”.
आरएसएस प्रमुख ने मोहन भागवत ने कहा था कि,”भगवान ने हमेशा बोला है मेरे लिए सभी एक हैं. उनमें कोई जाति का वर्ण नहीं हैं, लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई, वह गलत था. भारत देश हमारे हिंदू धर्म के अनुसार चलकर बड़ा बने और वह दुनिया का कल्याण करे. हिंदू और मुसलमान सभी एक हैं”.
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अखिलेश यादव ने मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि,”उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है? अखिलेश ने ट्वीट करते हुए लिखा- भगवान के सामने तो स्पष्ट कर रहे हैं, कृपया इसमें ये भी स्पष्ट कर दिया जाए कि इंसान के सामने जाति-वर्ण को लेकर क्या वस्तुस्थिति है”.
सपा नेता स्वामी प्रमाद मौर्य ने भागवत के बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि,”जाति-व्यवस्था पंडितों (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर संघ प्रमुख भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़ों को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरितमानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिये आगे आयें”.
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