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Earthquake: मध्य प्रदेश और झत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके, ग्वालियर में जमीन से 10 किमी नीचे था केंद्र

Earthquake: आए दिन भूकंप के झटकों से लोगों में दहशत का माहौल है. शुक्रवार को भी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके महसूस किए गए. सुबह साढ़े 10 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 थी. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र ग्वालियर से 28 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था. वहीं, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भी सुबह 10.39 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप महसूस करते ही लोग अपने घरों से बाहर आ गए. हालांकि, लोगों ने पहले भी भूकंप के झटके महसूस किए. लेकिन, उनका केंद्र दूसरे देश में था. लेकिन, इस बार केंद्र ग्वालियर और अंबिकापुर के आस-पास रहा.

इससे पहले मंगलवार रात को उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. अफगानिस्तान के हिंदूकुश पर्वत के पास से उठे इस भूकंप का असर दिल्ली-एलसीआर, पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में रहा. हालांकि, गनीमत रही कि तेज झटकों के बावजूद किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ.

कुछ दिन पहले दिल्ली में आए आया था भूकंप

देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर भूकंप के झटके आए हैं. रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 2.7 रही और इसका केन्द्र पश्चिमी दिल्ली रहा. भूकंप के ये झटके 16.42 मिनट पर महसूस किए गए. इसके पहले, मंगलवार रात को दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.6 मापी गई और इसका केंद्र अफगानिस्तान था. भूकंप का केंद्र सतह से 156 किलोमीटर नीचे था. मंगलवार रात को आए भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग तुरंत अपने घरों से बाहर निकल आये. उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए.

ये भी पढ़ें:- Earthquake: इतने भूकंप क्यों आ रहे हैं? दिल्ली-NCR पर तुर्की जैसी तबाही का खतरा, जानिए क्या है वजहें

वहीं उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, शामली, पंजाब के मोगा, बठिंडा, मानसा, पठानकोट, उत्तरकाशी, चमोली, यमुनाघाटी, मसूरी और जयपुर में भूकंप के झटके महूसस किए गए थे.

15-20 मिमी चीन की ओर खिसक रही है भारतीय प्लेट

रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन प्लेट हर साल 15 से 20 मिलिमीटर तिब्बतन प्लेट की ओर खीसक रही है. लेकिन, तिब्बत की प्लेट काफी मजबूत है. लिहाजा, यह खिसक नहीं पा रही और इस टकराव के चलते छोटे-छोटे भूंकप देखने को मिल रहे हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Satwik Sharma

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