दिल्ली हाई कोर्ट.
Asha Kiran Shelter Home Case: दिल्ली के रोहिणी स्थित आशा किरण आश्रय गृह में 14 लोगों की मौत के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि विक्षिप्त लोगों के लिए सरकार द्वारा संचालित आशा किरण आश्रय गृह में रह रहे 14 लोगों की हाल में हुई मौत एक अजब संयोग है. कोर्ट ने कहा कि यदि केंद्र में भीड़भाड़ है, तो वहां रहने वाले लोगों को किसी दूसरे अच्छे स्थान पर भेजा जाना चाहिए.
7 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
कोर्ट ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिया है कि वह व्यक्तिगत रूप से आशा किरण केंद्र का दौरा कर कोर्ट को रिपोर्ट सौंपे. कोर्ट 7 अगस्त को इस मामले में अगिला सुनवाई करेगा. एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को आश्रय गृह में पानी की गुणवत्ता और सीवर पाइपलाइन की स्थिति की जांच करने तथा इस संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है.
सुधारात्मक उपाय किये जाने की जरूरत: कोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया है जिन महिलाओं की मौत हुई है. उनमें से अधिकतर महिलाओं को टीबी की बीमारी थी. कोर्ट ने कहा कि मामले में सुधारात्मक उपाय किये जाने की जरूरत है और अगर आश्रय गृह में क्षमता से ज्यादा लोग रहे हैं, तो प्राधिकरण कुछ लोगों को दूसरे प्रतिष्ठानों में स्थानांतरित करेंगे.
बता दें कि जुलाई में आशा किरण आश्रय गृह में एक बच्चों सहित 14 लोगों की मौत हो गई थी. आशा किरण आश्रय गृह में फिलहाल बच्चों और महिलाओं समेत 980 मानसिक रूप से बीमार लोग रह रहे हैं. एक आंकड़े के मुताबिक फरवरी से अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है.
-भारत एक्सप्रेस
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