देश

सरकारी स्कूलों में छात्रों को पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति करने में सरकार की विफलता को लेकर हाईकोर्ट सख्त, जारी करेगा अवमानना का नोटिस

दिल्ली हाइकोर्ट ने चेतावनी दी कि वह सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति करने में सरकार की विफलता के लिए शिक्षा विभाग के उप निदेशक को स्वत: संज्ञान लेते हुए अदालत की अवमानना का नोटिस जारी करेगा। कार्यवाहक प्रमुख मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ ने कहा कि सरकार ने 2 मई को अपने हलफनामे में कहा था कि गर्मी की छुट्टियां शुरू होने से पहले 10 मई तक छात्रों को पाठ्यपुस्तकें वितरित कर दी जाएंगी। वहीं 15 मई की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि यह कार्य जुलाई तक पूरा हो जाएगा।

कोर्ट ने जाहिर की नाराजगी

खंडपीठ ने देरी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि सरकार के लिए समयसीमा देना और फिर उसका अनुपालन नहीं करना उचित नहीं है. कोर्ट ने टिप्पणी की ऐसा नहीं हुआ है, हम आपको काम पर ले जाएंगे. यह उचित नहीं है कि आप हमें समय सीमा दें और उसका पालन न करें। हालांकि, दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि जुलाई में गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल फिर से खुलेंगे, छात्रों को उनकी किताबें मिल जाएंगी, इसके बाद अदालत ने नोटिस जारी करना बंद कर दिया।

मिली अगली तारीख

पीठ ने कहा यह अदालत 2 मई के हलफनामे के अभिसाक्षी को स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना नोटिस जारी करने की इच्छुक थी। हालांकि त्रिपाठी ने अदालत को आश्वासन दिया और वचन दिया कि 15 मई के नए उपक्रम और स्थिति रिपोर्ट का अनुपालन किया जाएगा। अनुरोध पर, आदेश को सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए टाल दिया। इसके बाद मामले को जुलाई में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया। पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति में देरी के लिए सरकार द्वारा बताए गए कारणों में से एक पाठ्यक्रम में बदलाव है।

इसे भी पढ़ें: कॉमेडियन श्याम रंगीला का वाराणसी से लोकसभा नामांकन हुआ रद्द, जानें वजह

पीठ सोशल ज्यूरिस्ट नामक संगठन द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाते हुए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। 15 मई, 2024 की रिपोर्ट से पता चला कि 7,073 स्कूलों में से 4,215 स्कूलों (59.5प्रतिशत) को पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति की जानी बाकी है। रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि सरकारी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों की कुल मांग लगभग 1.08 करोड़ है लेकिन केवल 23.25 लाख किताबें (21.34 प्रतिशत) ही आपूर्ति की गई हैं।

गोपाल कृष्ण

Recent Posts

Virat Kohli अगर शांत रहें और अपनी गति से खेलें, तो वे ठीक रहेंगे: शास्त्री

कोहली बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के पांच घरेलू टेस्ट मैचों में सिर्फ एक…

6 hours ago

आयोग के फैसले से छात्रों में खुशी की लहर, कहा-‘हम जानते थे कि सीएम योगी हमारे पक्ष में खड़े होंगे’

यूपीपीएससी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर प्रतियोगी छात्रों की मांगों को ध्यान में…

6 hours ago

लश्कर-ए-तैयबा के लिए कथित तौर पर धन जुटाने के मामले में आरोपी जावेद अली को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली जमानत

अली को नवंबर 2019 में लश्कर के एक ऑपरेटिव शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान…

7 hours ago

उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में देवांगना कलीता की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी किया

फरवरी 2020 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की भारत यात्रा के साथ ही नागरिकता…

8 hours ago

सड़क हादसे में युवक की मौत के बाद परिजनों की पिटाई मामले में चार पुलिसकर्मी निलंबित, थाना प्रभारी लाइन हाजिर

मध्य प्रदेश में शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि कोतवाली के…

8 hours ago

गुजरात: सूरत में तेंदुए को सुनाई गई उम्र कैद की सजा

सूरत जिले में फिलहाल तेंदुओं की संख्या 150 पर पहुंची है. बीते छह महीने में…

8 hours ago