
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ा फैसला लिया है. इस हमले के चलते भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने 30 अप्रैल को ब्राजील में होने वाली BRICS विदेश मंत्रियों और एनएसए की बैठक में हिस्सा न लेने का निर्णय किया है.
इस हमले में बड़ी संख्या में पर्यटकों समेत 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद से सुरक्षाबलों ने आतंकवाद के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू कर दिया है. सरकार ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा सुरक्षा हालात को देखते हुए ही विदेश मंत्री और एनएसए ने बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
अब ब्राजील में भारत का प्रतिनिधित्व भारतीय BRICS शेरपा द्वारा किया जाएगा. यह बैठक जुलाई में प्रस्तावित BRICS सम्मेलन की तैयारी के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. बैठक में 11 सदस्य देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भाग लेंगे.
बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा
बैठक के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), जलवायु वित्त, सीमा पार भुगतान पहल (Cross Border Payments Initiative) और बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके अलावा यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष जैसे वैश्विक मसलों पर भी विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है.
भारत सरकार का कहना है कि पहलगाम हमले के बाद उत्पन्न सुरक्षा चिंताओं के चलते विदेश मंत्री और एनएसए ने घरेलू सुरक्षा मामलों की निगरानी को प्राथमिकता दी है. ऐसे में भारतीय शेरपा की भूमिका इस बैठक में भारत के पक्ष को मजबूती से रखने के लिए बेहद अहम होगी.
– भारत एक्सप्रेस
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