दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी छात्र को केवल इस आधार पर प्रवेश देने से वंचित नहीं किया जाए कि वह उस जिले का नहीं है, जहां पर स्कूल स्थित है. जस्टिस सी. हरिशंकर ने उक्त निर्देश देते हुए जवाहर नवोदय विद्यालय, मुंगेशपुर के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक छात्रा को प्रवेश देने से मना कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि छात्रा शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश की अर्हता रखती है और वह वहां पर अपनी पढाई जारी रखेगी.
जस्टिस सी. हरिशंकर ने यह आदेश एक छात्रा की याचिका पर दिया, जिसने पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई राजधानी दिल्ली के पेशवा रोड स्थित नवयुग स्कूल में की थी और मुंगेशपुर के जवाहर नवोदय स्कूल में छठी कक्षा में प्रवेश चाहती थी. स्कूल ने छात्रा को इस आधार पर प्रवेश देने से मना कर दिया था कि उसकी पिछली पढ़ाई नई दिल्ली जिले में हुई थी, जबकि मुंगेशपुर इलाका उत्तर पश्चिम दिल्ली में है.
जस्टिस ने इसी तरह के एक अन्य मामले पर गौर किया, जिसमें एक पीठ ने मामला लंबित होने के दौरान एक अंतरिम उपाय के तौर पर एक छात्र को जवाहर नवोदय विद्यालय में पढाई जारी रखने की अनुमति दी थी. उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय को इसलिए यह सुनिश्चित करने निर्देश दिया जाता है अब से वह पहले के आदेश का पालन करे और छात्र को अपने यहां प्रवेश देने से वंचित न करे, क्योंकि छात्र उसके जिले का नहीं है. साथ ही इस तरह के छात्रों को राहत पाने के लिए हमेशा अदालत न आना पड़े.
-भारत एक्सप्रेस
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