देश

K Radhakrishnan: पूर्व ISRO अध्यक्ष जिन्होंने ‘मॉम’ को मंगल पे पहुंचाया, ऐसे वैज्ञानिक जो कथकली और शास्त्रीय गायकी में भी बेमिसाल

5 नवंबर 2013 को भारत ने दुनिया को ‘मॉम’ का मर्म समझाया. पहली बार में ही मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) को सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में स्थापित करा दिया. ये शानदार उपलब्धि ISRO अध्यक्ष डॉ. कोप्पिलिल राधाकृष्णन की अगुवाई में संपन्न हुई, वह अभूतपूर्व पल था. मां भारती का मस्तक गर्व से ऊंचा करने वाले इस वैज्ञानिक का जन्म 29 अगस्त 1949 को त्रिस्सूर, केरल में हुआ. देश को गौरवान्वित करने वाले राधाकृष्णन के लिए क्या ये सब आसान रहा, उनकी इस उपलब्धि को पत्नी पद्मिनी के अलावा और किसने संभव बनाने में मदद की? आइए जानते हैं…

कथकली और शास्त्रीय संगीत

के राधाकृष्णन ने अपनी आत्मकथा ‘My Odyssey: Memoirs of the Man Behind the Mangalyaan Mission’ में अपने जीवन के कई राज खोले. उन्होंने बताया कि कैसे मानसिक दबाव की स्थिति में उन्हें शास्त्रीय गायन ने सहारा दिया. उन्होंने एक जगह लिखा है- मैंने खुद को स्वस्थ रखने और खुद को तरोताजा करने के लिए शास्त्रीय संगीत की ओर रुख किया. ऐसे भी दिन थे जब मैं सुबह जल्दी उठ जाता और जोरदार तरीके से गायन का अभ्यास करना शुरू कर देता. मुझे कभी इस बात की चिंता नहीं होती थी कि मेरी आवाज़ अच्छी है या नहीं; इस अभ्यास ने मुझे मानसिक शांति प्रदान की.”

केरल में जन्में राधाकृष्णन ने कई कार्यक्रमों में कथकली का प्रदर्शन भी किया. वैसे कला के प्रति रुझान की नींव घर पर ही पड़ी थी. उन्होंने केरल नाटनम ​​में औपचारिक प्रशिक्षण प्रोफेसर थ्रिपुनिथुरा विजयभानु से लिया. फिर गुरु पल्लीपुरम गोपालन नायर, कलानिलयम राघवन और श्री टी.वी.ए वेरियर से कथकली नृत्य का प्रशिक्षण लिया. 1995 में कर्नाटक संगीत सीखा.

2023 में ही उनके गायन कौशल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सबने देखा और दाद दी. यह कार्यक्रम त्रिशूर के इरिंजालकुडा में कूडलमानिक्यम मंदिर में आयोजित किया गया था. पारंपरिक पोशाक पहने वैज्ञानिक ने कर्नाटक संगीत की अपनी कुशल गायन प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक होने के अलावा गायन के प्रति भी इतना समर्पण रखते हैं, ये देख के लोग भौंचक्के रह गए.

शैक्षिक उपलब्धियां

शैक्षिक उपलब्धियों की बात करें तो उन्होंने इंजीनियरिंग कॉलेज, त्रिवेंद्रम से BSc इंजीनियरिंग करने के बाद IIT Kharagpur से पीएचडी की. फिर IIM Bengalore से पीजीडीएम की डिग्री हासिल की. 1971 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र से डॉ. राधाकृष्णन ने अपने करियर का आगाज किया. सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल प्रोजेक्ट की अहम जिम्मेदारी संभाली. 2009 से 2014 तक डॉ. राधाकृष्णन ISRO के अध्यक्ष रहे. उनकी अगुवाई में भारत ने चंद्रयान-1 मिशन, मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) और GSAT श्रृंखला के उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया.

2014 में पद्म भूषण से सम्मानित वैज्ञानिक को हाल ही में भारत सरकार ने NTA की उस हाईलेवल कमिटी का अध्यक्ष बनाया जो परीक्षाओं को पारदर्शी और गड़बड़ी मुक्त बनाने में मदद करेगी. देश के युवाओं की निगाहें इनकी ओर हैं. विश्वास है कि डॉ राधाकृष्णन की समीक्षा रिपोर्ट उनकी परेशानियों को दूर करेगी और शायद ‘मॉम’ की तरह ही रिपोर्ट पहली बार में ही पेपर लीक के दंश से मुक्ति दिला दे!

ये भी पढ़ें- PM Narendra Modi ने पेरिस पैरालंपिक के लिए भारतीय दल को दीं शुभकामनाएं, देशवासियों से उत्साह बढ़ाने को कहा

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

Recent Posts

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन अशोक पी. हिंदुजा ने की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

केंद्रीय मंत्री खट्टर ने भारत के बिजली और आवास क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए…

3 hours ago

चुनावी सभा से लौटे योगी तो कसे अफसरों के पेंच, कहा- जनहित के लिए बजट की कमी नहीं, परियोजनाओं को समय पर पूरा करें: मुख्यमंत्री

 चुनावी अभियान से वापस लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में…

5 hours ago

लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, कई दिनों से AIIMS में चल रहा था इलाज

लोक गायिका शारदा सिन्हा का दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया. उन्होंने 72 वर्ष…

6 hours ago

सुनवाई में बाधा डाल रहे वकील को दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश, अब अगली Hearing पर करना होगा ये काम

दिल्ली हाईकोर्ट ने कई चेतावनी के बावजूद सुनवाई में बाधा डालने को लेकर एक वकील…

6 hours ago

Rau’s Coaching case: फुटेज और सेटेलाइट इमेज सुरक्षित रखने की मांग, कोर्ट ने CBI को दिए ये निर्देश

दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई से राजेन्द्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी…

6 hours ago