डिंडोरी के जिला अस्पताल में सरकार ने लाखों रुपयों की लागत से डीप फ्रीजर इसलिए खरीदकर दिया थे ताकि सड़क हादसों या अन्य कारणों से मृत हुए लोगों के शवों को कुछ समय के लिए सुरक्षित रखा जा सके और इन शवों का पोस्टमार्टम सुरक्षित तरीके से हो सके. लेकिन मॉर्चुरी वार्ड में रखे डीप फ्रीजर लापरवाही की भेंट चढ़ गए. डीप फ्रीजर पिछले कई महीनों से बंद पड़े-पड़े कबाड़ हो रहे हैं और पोस्टमार्टम के लिए मॉर्चुरी लाये जाने वाले शवों को रात में खुले में ही रखना पड़ रहा है, जिससे शवों को चूहे या अन्य जीव नुकसान पहुंचा सकते है.
कई बार देखने मे यह भी आया है कि अज्ञात शवों को शिनाख्त के लिए 24 घंटे तक सुरक्षित रखा जाता है. लेकिन यहां शवों के सुरक्षित होने की कोई गारंटी नहीं है. लिहाजा शवों से दुर्गंध आने लगती है, जिससे मृतक के परिजनों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही है.
डीप फ्रीजर की देखरेख का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के ऊपर है. लेकिन देखा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है. अस्पताल के बिजली विभाग के कर्मचारी की मानें तो किसी निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार ने चार-पांच महीने पहले नाले से मलबा निकालकर मॉर्चुरी में रखे डीप फ्रीजर के सामने रखवा दिया. तभी से नाले का मलबा मॉर्चुरी डीप फ्रीजर के सामने ही पड़ा हुआ है. हैरत की बात यह है कि किसी जिम्मेदार अधिकारी ने इस तरफ झांकने की कोशिश भी नहीं की.
-भारत एक्सप्रेस
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