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Parliament: संसदीय इतिहास की बड़ी घटना- पहली बार शीतकालीन सत्र में 92 विपक्षी सासंद निलंबित, विपक्ष ने सरकार पर बोला हमला

opposition MP suspended: संसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर आज दिन का काफी हंगामेदार रहा. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्यसभा और लोकसभा के दोनों सदनों से इतनी ज्यादा संख्या में सांसदों का निलंबन किया गया हो. सभी विपक्ष दल संसद सुरक्षा की चूक मामले में गृहमंत्री अमित शाह से जवाब की मांग कर रहे हैं. इसके चलते ही लगातार इस मामले में विपक्ष प्रदर्शन कर रहा है. आज लोकसभा से पूरे शीतकालीन सत्र से 33 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. इसके बाद ही राज्यसभा से कुल 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही अभी तक कुल सदन से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 92 पहुंच गई है. इसके बाद तो विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोल दिया है.

विपक्ष के तमाम नेताओं ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और तानाशाही चलाने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तो यहां तक कहा दिया कि मोदी सरकार की तानाशाही अपने चरम पर पहुंच गई है.

1989 में 63 सांसद हुए थे निलंबित

आज से पहले साल 1989 में संसद से कुल 63 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. हालांकि उन सभी सांसदों को केवल एक हफ्ते के लिए ही निलंबित किया था. उस समय राजीव गांधी की सरकार हुआ करती थी. तब कांग्रेस के पास प्रचंड बहुमत की सरकार थी. उस समय सभी सांसद ठक्कर कमीशन की रिपोर्ट पर हंगामा कर रहे थे. इस कमीशन ने पूर्व प्रधानमंत्री इंडिरा गांधी की हत्या की जांच की थी.

लोकसभा के सांसदों के निलंबन की सूची

‘राज्यसभा में भी ब्लडबाथ हुआ’

सांसदों के निलंबन पर जयराम रमेश ने कहा कि लोकसभा के साथ राज्यसभा में भी ब्लडबाथ हुआ और 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करने और नेता प्रतिपक्ष को बोलने की इजाज़त देने की मांग करने पर INDIA की पार्टियों के 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. मैं भी अपने 19 साल के संसदीय करियर में पहली बार इस सम्मान सूची में शामिल हूं. यह Murder Of Democracy in India है (MODI)!

राज्यसभा से ये सांसद हुए निलंबित

‘सरकार ने लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया’

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “सबसे पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया फिर मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है. निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में फेंक दिया जा रहा है. विपक्ष-रहित संसद के साथ, मोदी सरकार अब महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को कुचल सकती है, किसी भी असहमति को बिना किसी बहस के कुचल सकती है.”

‘सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें’

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मेरी प्रधानमंत्री मोदी को एक सलाह है कि वे ये लोकतंत्र, सदन, सांसद का सारा ढोंग छोड़ दें, अपनी तानाशाही चलाएं क्योंकि असलियत ये है कि हर वो व्यक्ति जो अपनी लोकतांत्रिक ड्यूटी निभाते हुए लोकतंत्र के मंदिर में सवाल पूछेगा उस सांसद को निलंबित किया जाएगा. मोदी जी को विपक्ष का चेहरा बर्दाश्त नहीं है. पहले आपने 15 और अब 31 सांसद निलंबित कर दिए. ये कितनी बड़ी विडंबना है कि विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी तक को निलंबित कर दिया. सदन में अगर विपक्ष की आवाज ही नहीं होगी तो सदन और लोकतंत्र का मतलब क्या है?”

– भारत एक्सप्रेस

 

Rahul Singh

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