Delhi Ordinance 2023: दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार मानसून सत्र में इस बिल को पेश कर सकती है. केंद्र सरकार ने बीती 19 मई को ये अध्यादेश जारी किया था. पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश को मंजूरी दी गई. सूत्रों ने कहा कि अध्यादेश को बदलने के लिए विधेयक को संसद के चालू मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है.
जब संसद सत्र नहीं चल रहा हो तो केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश जारी किया जाता है. संसद के लिए अगले सत्र के शुरू होने के छह सप्ताह के भीतर अध्यादेश को बदलने के लिए एक कानून अपनाना अनिवार्य है.
बता दें कि दिल्ली का बॉस कौन? इस मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आमने-सामने है. लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई. सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिल्ली सरकार के हक में सुनाया. इसके ठीक एक सप्ताह बाद केंद्र सरकार ने 19 मई को विवादास्पद दिल्ली अध्यादेश जारी कर दिया. जिसे आज मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो लोकसभा के बाद राज्यसभा में पास कराकर मोदी सरकार इसे कानून का रूप दे देगी.
बताते चलें कि 11 मई के शीर्ष अदालत के फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे. केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने अध्यादेश के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि केंद्र ने दिल्ली के लोगों को “धोखा” दिया है. कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल भी अध्यादेश के विरोध में उतर आए हैं. केजरीवाल ने पार्टी शासित पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ अधिकांश गैर-एनडीए शासित राज्यों का दौरा किया और विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर कानून के खिलाफ उनका समर्थन मांगा था.
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