

India Pakistan War: पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था. अब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग शुरू हो गई है. पहलगाम हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान ने गुरुवार रात जम्मू, पठानकोट, उधमपुर समेत कुछ अन्य स्थानों और सैन्य ठिकानों पर मिसाइल एवं ड्रोन अटैक किया. इस हमले को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. अब भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर मुंह- तोड़ जवाब दिया.
हिंदुस्तान के इतने तगड़े एक्शन के बाद पाकिस्तान की हालत पतली हो गई है कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कटोरा लेकर मदद की भीख मांग रहा है. इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कुछ ऐसा कहा, जो बताता है कि पाकिस्तान में आतंक की फैक्ट्री कहां चल रही थी. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला.
9 आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद मदरसे बंद?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत की एलओसी सीमा के पार POK में बीते 4 गई गुरुवार को एक सरकारी आदेश के बाद मदरसों को बंद कर दिया गया था. इस इलाके के आस-पास के इलाकों में कम से कम एक हज़ार मदरसे बंद कर दिए गए थे. सरकारी पत्र जारी कर इन मदरसों को बंद करने का आदेश दिया गया था. जबकि भारत की तरफ से केवल आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया गया था. वहीं, अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मदरसे में पढ़ने वाले बच्चे सेकंड डिफेंस लाइन बताया है, जो ये बताता है कि POK के मदरसों में कुछ तो चल रहा था!
मदरसे के बच्चे कैसे आ रहे पाक सेना के काम?
पाकिस्तानी संसद में आसिफ ने कहा कि मदरसे के बच्चे हमारे बचाव के काम में आ रहे हैं. आसिफ के मुताबिक ये बच्चे एक तो धार्मिक काम को बढ़ावा दे रहे हैं. वहीं, भारत के अटैक के वक्त ये बचाव के भी काम आ रहे हैं. आसिफ के इस बयान पर पाकिस्तान समेत विश्व भर में बवाल मचा हुआ है. ये सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं कि मदरसे के बच्चे पाकिस्तान और पाक सेना के काम कैसे आ रहे हैं? क्या पाकिस्तान इन्हीं POK में बने इन्हीं मदरसों की आड़ में आतंक का ट्रेनिंग कैंप चला रहा था.
मदरसों में मॉडर्न एजुकेशन इंप्लीमेंट करना बिल्कुल सही
इन्हीं ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षित बच्चे क्या अब भारत-पाक युद्ध के समय पाकिस्तान की ढ़ाल बन रहे हैं. पाकिस्तान में ज़्यादातर मदरसे सुन्नी हैं और केवल सांप्रदायिक सिद्धांतों को ही मानते हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर चर्चा है कि क्या मदरशों में सांप्रदायिकता का बीज बोकर जंगी पैदा किए जा रहे थे? ऐसे में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा मदरसों में मॉडर्न एजुकेशन इंप्लीमेंट करना बिल्कुल सही कदम था. ताकि इस्लाम धर्म के बच्चे सांप्रदायिकता को छोड़ आधुनिक शिक्षा की तरफ आगे बढ़ सके. उन्होंने जब ये कदम उठाया तब कई इस्लामिक संगठनों ने इसका विरोध किया था.
केवल कट्टर धार्मिक शिक्षा नहीं
अब यूपी के चुनिंदा मदरसों में CBSE के अनुरूप आधुनिक पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा. इससे बच्चे केवल कट्टर धार्मिक शिक्षा नहीं बाकी छात्रों की तरह मुख्यधारा की प्रतियोगी परीक्षाओं के योग्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे है.
-भारत एक्सप्रेस
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