Ayodhya Ram mandir: 22 जनवरी जैसे-जैसे पास आ रही है. राम भक्तों की तैयारी भी तेज गति से आगे बढ़ रही है. अब रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को मात्र दो दिन शेष रह गए हैं. सोमवार को अयोध्या में भव्य कार्यक्रम का आयोजन होगा. पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में समारोह सम्पन्न होगा. तो वहीं सुरक्षा की दृष्टि से अयोध्या के चप्पे-चप्पे पर जवान तैनात हो गए हैं. सीसीटीवी के साथ ही ड्रोन से भी अयोध्या पर नजर रखी जा रही है. इसी बीच भव्य मंदिर की तस्वीरे सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं. जहां लोग अपने रामलला की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखाई दे रहे हैं तो वहीं मंदिर की मनोहारी तस्वीरों को देखकर लोग अयोध्या जाने के लिए ललायित हो रहे हैं. हालांकि 22 जनवरी को अयोध्या में आम जनता की एंट्री नहीं होगी. इस दिन अयोध्या में उसे ही प्रवेश दिया जाएगा, जिसको ट्रस्ट द्वारा कार्यक्रम का निमंत्रण दिया गया है.
सदियों के बाद सोमवार को रामलला के भक्तों का इंतजार खत्म होने जा रहा है. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से हर कोई रामलला के दर्शन कर सकेगा. सोमवार को देश भर में लोगों से राम ज्योति जलाने का आग्रह किया गया है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मंदिर को अंदर से बेहद भव्य तरीके से सजाया गया है. मंदिर को अंदर से फूलों और रंग-बिरंगी रोशनी से सुसज्जित किया गया है. मंदिर की जारी ताजा तस्वीरों को भक्त अपलक निहार रहे हैं. अंदर और बाहर सजावट के लिए शानदार लाइटिंग की गई है. बताया जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन मंदिर का सौंदर्य अपने उत्कृष्ट पर होगा. इस ऐतिहासिक पल का हर कोई साक्षी बनना चाहता है. बता दें कि कार्यक्रम को लेकर देश भर के वीआईपी और साधु-संतों को आमंत्रित किया गया है.
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बता दें कि 22 जनवरी के कार्यक्रम को देखते हुए केवल राम मंदिर ही नहीं बल्कि पूरी अयोध्या को त्रेता युग की थीम पर सजाया जा रहा है. इसी के साथ ही अयोध्या का हर मंदिर और मठ सजाया जा रहा है. अयोध्या का हर चौराहा हर गली को सजाया जा रहा है. तो वहीं रामलला का अनुष्ठान भी 16 जनवरी से लगातार जारी है. तो इसी के साथ ही राम मंदिर अयोध्या पर फहराने के लिए खास ध्वज भी तैयार किया जा रहा है. जानकारी सामने आ रही है कि ध्वज में सूर्य के साथ खास पेड़ कोविदार को अंकित किया गया है. जहां एक ओर सूर्य भगवान राम के वंश को दर्शाता है. तो वहीं, कोविदार वृक्ष को अयोध्या साम्राज्य की शक्ति व संप्रभुता का प्रतीक माना जाता है. इसे अयोध्या का राजवृक्ष भी कहा जाता है.
-भारत एक्सप्रेस
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