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INS Vindhyagiri: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हुगली नदी के तट पर ‘गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड’ (GRSE) केंद्र में भारतीय नौसेना के ‘प्रोजेक्ट 17 अल्फा’ के तहत निर्मित छठे नौसैन्य युद्धपोत ‘विंध्यगिरि’ का लॉन्च किया. इस दौरान उन्होंने इसकी लॉन्चिंग को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि युद्धपोत का उत्पादन ‘आत्मनिर्भर भारत’ और देश की तकनीकी प्रगति का नमूना है. राष्ट्रपति द्रौपदी (Droupadi Murmu) ने कार्यक्रम के कहा, ‘‘मैं विंध्यगिरि के जलावतरण के मौके पर यहां आकर बहुत खुश हूं. यह आयोजन भारत की समुद्री क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का भी प्रतीक है.’’
राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना और इस पोत के निर्माण में शामिल सभी लोगों को बधाई दी. मुर्मू ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि GRSE ने विंध्यगिरि जैसे युद्धपोत सहित 100 से अधिक युद्धपोतों का निर्माण और आपूर्ति की है. आपके कौशल और अथक प्रयासों ने हमें इस मुकाम तक पहुंचाया है, जिसके लिए मैं जीआरएसई की पूरी टीम की सराहना करती हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रोजेक्ट 17 के तहत निर्मित विंध्यगिरि आत्मनिर्भरता और तकनीकी उन्नति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. यह परियोजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए स्वदेशी विचारों को प्रदर्शित करती है. मुझे बताया गया है कि इस श्रृंखला के पोत हमारे समुद्री हितों के लिए सभी प्रकार के खतरों से निपटने में सक्षम होंगे.’’ राष्ट्रपति मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने कहा, ‘‘कोलकाता का उसके समृद्ध इतिहास और संस्कृति के कारण हमारे देश के दिल में एक विशेष स्थान है. कोलकाता की रणनीतिक स्थिति इसे हमारी नौसैनिक तैयारियों, हमारे समुद्री हितों की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण बनाती है.’’
राष्ट्रपति ने कहा कि पोत का नाम ‘विंध्य’ पर्वतमाला के नाम पर रखा गया है, जो दृढ़ता का प्रतीक है. उन्होंने कहा, ‘‘हम अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और हम भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का प्रयास कर रहे हैं. हमारी व्यापारिक वस्तुओं के एक बड़े हिस्से का समुद्री मार्ग से परिवहन होता है.’’ उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा के कई पहलू हैं.”
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द्रौपति मुर्मू ने भारत के समुद्री हितों की रक्षा में भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि, ‘‘इसमें समुद्री डकैती, सशस्त्र डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी और प्राकृतिक आपदाएं जैसे कई मुद्दे शामिल हैं. भारतीय नौसेना को भारत के समुद्री हितों की रक्षा, संरक्षण और बढ़ावा देने का अधिकार है.’’ इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित रहीं.
एक अधिकारी के मुताबिक, युद्धपोत ‘विंध्यगिरि’ में उपकरण और पी17ए जहाजों की प्रणालियों 75 प्रतिशत ऑर्डर भारत की ही कंपनियों की है, जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम (MSME) भी शामिल हैं. यह अत्याधुनिक युद्धपोत आधुनिक उपकरणों से लैस है. जीआरएसई के अधिकारियों के मुताबिक, पी17ए निर्देशित मिसाइल युद्धपोत हैं. प्रत्येक युद्धपोत की लंबाई 149 मीटर है. इसका वजन लगभग 6,670 टन और गति 28 समुद्री मील है. इससे पहले राष्ट्रपति ने यहां राजभवन में ब्रह्म कुमारी द्वारा आयोजित ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत ‘मेरा बंगाल, व्यसन मुक्त बंगाल’ अभियान की शुरुआत की.
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